नई दिल्ली। कोरोनावायरस के चलते शिक्षा के साथ-साथ लगभग हर क्षेत्र प्रभावित हुआ है। दुनियाभर में फैली इस महामारी के बीच शिक्षण संस्थान अप्रत्याशित स्थिति और चुनौतियों का सामना कर रहे हैं इस चुनौती के बीच कई शिक्षाविद नीट और जेईई परीक्षा को छात्रों के लिए एक अवसर मानते हैं। यूजीसी विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष व हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आर.सी. कुहाड़ ने कहा, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' के नेतृत्व में दूरदर्शी योजनाओं और नीतियों को लागू करने के लिए प्रयास जारी हैं। परीक्षा के शिक्षा व्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग होने के नाते इस मुश्किल समय में शिक्षा मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने परीक्षाएं आयोजित करने के लिए एक रोडमैप तैयार कर समय-समय पर विभिन्न दिशा निर्देश जारी करने के लिए एक समिति बनाने की पहल की है।
प्रोफेसर कुहाड़ ने कहा, परीक्षा न केवल डिग्री प्रदान करने के लिए बल्कि छात्रों के करियर में अवसरों के सृजन के लिए भी एक निर्णायक कारक है। इसलिए परीक्षा हमेशा से ही चर्चा और बहस का विषय रही है। विशेष रूप से इन दिनों लॉकडाउन की शुरूआत के साथ से ही परीक्षा के विषय पर विमर्श जारी है। शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी छात्रों के शैक्षणिक वर्ष को बचाने के लिए कोरोना महामारी की वजह से परीक्षा के विषय में उपजी परेशानी का समाधान खोजने में जुटे हैं और इसके लिए सभी संभावित उपायों पर काम कर रहे हैं। इसमें परीक्षाओं में नए सत्र के दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षाएं और डिग्री प्रदान करने के लिए जरूरी अंतिम वर्ष की सेमेस्टर परीक्षाएं शामिल हैं। टर्मिनल सेमेस्टर, वार्षिक परीक्षाओं के लिए दिशानिर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
प्रोफेसर कुहाड़ ने कहा, आमजन की संतुष्टि के लिए नीट और जेईई परीक्षा की पवित्रता और साख को बनाए रखना आवश्यक है। ये परीक्षाएं मूल्यांकन की एक समान प्रणाली देती हैं और शैक्षणिक क्षमता और योग्यता रखने वाले उम्मीदवार इनके माध्यम से पेशेवर संस्थानों में दाखिला पा सकते हैं। इस तरह की राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान कर आत्मविश्वास और संतुष्टि का आभास दिलाती हैं। यही नहीं, ये परीक्षाएं क्षमता, प्रदर्शन और विश्वसनीयता को दशार्ती है, जिससे न केवल छात्र बल्कि अभिभावक अपने बच्चों पर गर्व महसूस करते हैं। इन दोनों परीक्षाओं में वैश्विक स्वीकार्यता है।
इस साल 8.58 लाख छात्र-छात्राओं ने जेईई (मुख्य) और 15.97 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने नीट (यूजी) के लिए पंजीकरण कराया है। ये परीक्षाएं कोरोना महामारी और राष्ट्रव्यापी बंद के मद्देनजर दो बार स्थगित भी हो चुकी है।
90 प्रतिशत से अधिक छात्रों ने जेईई (मेंस) के लिए एडमिट कार्ड भी डाउनलोड कर लिए हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए परीक्षा केंद्र पर हर कमरे में छात्रों की संख्या घटाकर 12 कर दी है। पहले यह संख्या 24 परीक्षार्थी प्रति कमरा थी। प्रोटोकॉल के अनुसार, परीक्षा केंद्रों के प्रवेश और निकास बिंदु पर रखे सेनिटाइजर का उपयोग छात्रों को करना होगा। थर्मो -गन्स के माध्यम से तापमान की जांच की जाएगी और उन्हें हर समय दस्ताने और मास्क का उपयोग करने की आवश्यकता होगी। परीक्षा केंद्र पर 99.4 फारेनहाइट के शरीर के तापमान के साथ आने वाले छात्रों के लिए अलग कमरे की सुविधा भी प्रदान की गई है।