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MBBS करने की सोच रहे हैं तो जान लें ये नियम, NMC ने शुरू किए बदलाव

MBBS के छात्र है या नीट की तैयारी कर रहे हैं तो ये खबर आपके बड़े काम की है। NMC ने मेडिकल कॉलेजों में बदलाव शुरू कर दिए हैं। इसके लिए एनएमसी ने सभी के साथ बैठक भी की है।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Aug 28, 2023 12:50 IST, Updated : Aug 28, 2023 12:50 IST
NMC, MBBS
Image Source : PTI NMC ने शुरू किए मेडिकल कॉलेजों में बदलाव

MBBS की तैयारी कर रहे हैं या एडमिशन लेने जा रहे हैं तो ये खबर आपके काम की है। नेशनल मेडिकल कमीशन यानी NMC ने एमबीबीएस कोर्स में बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है। जल्द ही मेडिकल छात्रों के पास एमबीबीएस फर्स्ट ईयर पास करने के लिए चार प्रयास ही मिलेंगे। इससे पहले अभी तक कोई समय सीमा तय नहीं थी। अगर छात्र इस समय सीमा में पास नहीं कर सके तो उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। साथ ही अगर कोई मेडिकल छात्र एमबीबीएस को 10 सालों में पास नहीं करता तो उसका डॉक्टर बनने का सपना टूट जाएगा यानी उसका इनरोलमेंट निरस्त कर दिया जाएगा। इसी बदलाव को लेकर बीते शनिवार को एनएमसी ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के साथ सभी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और मेडिकल फैकल्टी के साथ वर्चुअल मीटिंग की। इस मीटिंग में एनएमसी ने अपने 21 सूत्रीय बदलाव का एजेंडा सबके सामने पेश किया। 

स्टेूडेंट और फैकल्टी के लिए बॉयोमेट्रिक

एनएमसी ने इस बैठक में स्पष्ट किया कि स्टेूडेंट और फैकल्टी के लिए बॉयोमेट्रिक जरूरी होगी। अब प्रीक्लीनिकल और क्लीनिकल नहीं होगा। सभी विभागों को क्लीनिकल डिपार्मेंट के नाम से ही जाना जाएगा। रेस्पिरेटरी मेडिकल, इमरजेंसी मेडिकल, पीएमआर डिपार्टमेंट्स को आगामी नए मेडिकल कॉलेजों के लिए सिर्फ यूजी संचालित मेडिकल कॉलेजों से छूट मिलेगी। वहीं,  पीजी (एमडी/डीएनबी) और पोस्ट डॉक्टरेट (डीएम) कोर्सों के लिए रिजर्व किया जाएगा। साथ ही मेडिकल कॉलेजों में अब इमरजेंसी एक होगी और पीएमआर आर्थो डिपार्मेंट का हिस्सा होगा।

थ्योरी और प्रैक्टिकल के लिए अब इतने कुल अंक

सिलेबस के बात करें तो अब थ्योरी और प्रैक्टिकल के कुल अंक 50% मिलेंगे। अगर छात्र एमबीबीएस के किसी भी साल के किसी भी विषय में फेल होते हैं, उन्हें इसे पास करने के लिए पूरे सेशन के लिए फौरन जूनियर बैच में शामिल होना होगा। छात्रों के लिए नए एग्जाम के 5 हफ्ते के भीतर पूरक एग्जाम आयोजित की जाएगी। वहीं, छात्रों को स्वास्थ्य के लिए योग क्लासेस भी संचालित की जाएंगी। साथ ही अब से बैच मान्यता के लिए एनएमसी का दौरा नहीं होगा। अब छात्र को एमबीबीएस की डिग्री के लिए किसी अन्य देश नहीं भेजा जाएगा। अगर छात्र एक बार किसी कॉलेज में एडमिशन लेता है तो उस छात्र को उसी कॉलेज से एमबीबीएस करना होगा।

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