नई दिल्ली। 40 से अधिक शिक्षा अधिकारियों को उनकी नेतृत्वकारी भूमिका के लिए और 26 शिक्षकों को उनके नवाचारों के लिए सम्मानित किया गया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने शिक्षकों को सम्मानित किया। मंगलवार को श्री अरविंदो सोसाइटी द्वारा आयोजित वर्चुअल 'राष्ट्रीय सम्मेलन-शून्य से सशक्तीकरण' कार्यक्रम के दौरान उन्होंने इन सभी शिक्षकों को सम्मानित किया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने इनोवेशन एंड लीडरशिप केसबुक-कोविड एडिशन का विमोचन भी किया। इन ई-पुस्तकों में शिक्षा अधिकारियों और शिक्षकों के प्रयासों और कार्यो का संकलन है।
अरविंदो सोसाइटी के कार्यकारी सदस्य विजय पोद्दार, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के ग्लोबल एजुकेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर रॉड स्मिथ भी कार्यक्रम से जुड़े। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा, "यह हर्ष का विषय है कि श्री अरविंद सोसाइटी और एचडीएफसी बैंक के अभियान राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की दृष्टि के साथ संरेखित हैं। वर्ष 2020 ने हमें सिखाया है कि पुरानी विधियों और सीमाओं में बंधे होने का समय समाप्त हो गया है। शिक्षा में गुणात्मक सुधार की आवश्यकता है। असंख्य आशाओं को साकार करने के लिए, हमें शिक्षा में सकारात्मक बदलाव लाने होंगे। हमें नई लीग पर आगे बढ़ना होगा, नए दृष्टिकोण अपनाने होंगे और अपनी वर्तमान पीढ़ी को भविष्य के लिए तैयार करना होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 इस दिशा में हमारा ठोस कदम है।"
उन्होंने श्री अरविंदो सोसाइटी के 'शिक्षा में शून्य में नवाचार' कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि, "इस तरह के प्रयास बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यदि कक्षा में शिक्षा को रोचक और अनुभवात्मक बनाना है, तो नवाचारों को आधार बनाकर कार्य करना आवश्यक है। अनुभवात्मक शिक्षण वर्तमान समय की मांग है। विद्यार्थियों को अगर प्रारंभिक कक्षाओं से ही आनुभविक शिक्षण प्राप्त होने लगता है, तो उनकी सीखने की इच्छा और प्रश्न करने की जिज्ञासा बढ़ती है। जिज्ञासु विद्यार्थी निरंतर सीखने की प्रक्रिया का हिस्सा बनते हैं, जिसका लाभ उन्हें जीवनभर मिलता है।"
उन्होंने बताया कि श्री अरविंदो सोसाइटी के 'शिक्षा में शून्य में नवाचार' कार्यक्रम के अंतर्गत देश के 300 जिलों में प्रत्येक जिले के 15 विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में स्थापित किया जा रहा है, जिसके लिए शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्य तेजी से चल रहा है। यह आदर्श विद्यालय राज्य ही नहीं, देश के लिए मिसाल होंगे कि जब संकल्प पक्का हो तो सिद्ध अवश्य होता है।
इसके अलावा उन्होंने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बात करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का उद्देश्य विद्यार्थियों को वैश्विक नागरिक के रूप में तैयार करना है। इसकी शुरूआत मूलभूत स्तर पर, प्रारंभिक कक्षाओं से करने की आवश्यकता है। विद्यार्थियों को ऐसा वातावरण देने की आवश्यकता है, जहां वे अपने विशेष गुणों को पहचानें और निखारें।