उत्तराखंड की धामी सरकार अब राज्य के मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक बड़ फैसला ले रही है। वहां की सरकार ने फैसला किया है कि वह अब उन छात्रों को भी वर्दी पहनाएगी जो मदरसे में पढ़ते हैं। हालांकि, यहां वर्दी पहनने से मतलब पुलिस की वर्दी का नहीं है, बल्कि राज्य सरकार इन बच्चों को स्काउट एंड गाइड, एनसीसी और एनएसएस की ट्रेनिंग के लिए वर्दी पहनाएगी। धामी सरकार ने फैसला किया है कि अब मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को दीनी तालीम के साथ-साथ एनसीसी की ट्रेनिंग भी कराई जाएगी। आपको बता दूं कुछ दिन पहले ही मदरसों में ड्रेस कोड और एनसीआरटी का सिलेबस लागू किया गया था।
शिक्षा मंत्री ने क्या कहा
उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने इस पर कहा कि राज्य के मदरसों में बच्चे स्काउट एंड गाइड, एनसीसी और एनएसएस की ट्रेनिंग अब ले पाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों, प्राइवेट स्कूलों, संस्कृत विद्यालय, आंगनबाड़ी, सरकार से एडेड स्कूल और सभी मदरसों में NCC, NSS और Scouts and Guides के कोर्स अब से आनिवार्य करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन कोर्सेज के लिए बकायदा ड्रेस कोड बनाए गए हैं।
मदरसों में ड्रेस कोड और एनसीईआरटी
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने बीते दिनों कहा था कि बोर्ड के दायरे में आने वाले सभी 103 मदरसों में ड्रेस कोड और NCERT पाठ्यक्रम लागू करने जा रहे हैं। इसमें पहले चरण में देहरादून, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार के दो-दो मदरसों एवं नैनीताल जिले के एक मदरसे को मॉडर्न स्कूल की तर्ज पर चलाने के लिए चुना गया है।
मदरसों में सुबह 6:30 से 7:30 बजे तक फजर की नमाज के बाद कुरान की शिक्षा दी जाएगी। इसके बाद सुबह आठ से दोपहर दो बजे तक मदरसे सामान्य स्कूल की तरह चलेंगे, जबकि दो बजे के बाद फिर मदरसे के रूप में चलने लगेंगे। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि मदरसों को मदरसा बोर्ड नहीं बल्कि उत्तराखंड बोर्ड से पंजीकृत किया जाएगा। मदरसों के सर्वे कराये जाने के मामले की चर्चाओं के बाद ही मदरसों के मॉर्डनाइजेशन को लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है, वहीं विपक्ष ने इसे ध्रुवीकरण करार दिया है।