
भोपाल। मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी के लिए अलग से परीक्षा नहीं होगी, बल्कि नेशनल रिक्रुटमेंट एजेंसी (एनआरए) द्वारा आयोजित परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर नौकरी दी जाएगी। इस निर्णय का ऐलान राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को किया। चौहान ने कहा है कि अपने युवा बेटे-बेटियों के कल्याण के लिए हमने एक और अनूठा व क्रांतिकारी निर्णय लिया है। प्रदेश की शासकीय नौकरियों के लिए युवाओं को अलग से कोई परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी। एनआरए द्वारा आयोजित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही इन्हें प्रदेश की शासकीय नौकरियां मिलेंगी।
चौहान ने आगे कहा , "एनआरए द्वारा आयोजित परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर ही नौकरी देने का अभूतपूर्व निर्णय लेने वाला मध्यप्रदेश पहला राज्य है। इससे युवाओं का जीवन सहज, सुगम बनेगा। देश के दूसरे राज्य भी मध्यप्रदेश की इस पहल को अपनाकर अपने प्रदेश के बेटे-बेटियों को बड़ी राहत दे सकते हैं।"ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री चौहान ने इससे पहले राज्य में सरकारी नौकरी सिर्फ राज्य के युवाओं और छात्रों को देने का एलान किया था।