पटना: हाईकोर्ट ने छठे चरण की शिक्षक नियुक्ति में पास हुए B.Ed अभ्यार्थियों को तगड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने इन सभी अभ्यार्थियों की बहाली को रद्द करने का आदेश दिया है। पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने मामले में अपने फैसले को अभी सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज यानी 6 दिसंबर को सुनाया गया।
कोर्ट ने आदेश में क्या कहा?
पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन की बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, 'छठे चरण की शिक्षक नियुक्ति में कक्षा 1 से लेकर पांचवी कक्षा तक के स्कूलों में जिन B.Ed पास अभ्यार्थियों को नियुक्त किया गया है, उनकी बहाली रद्द करनी होगी। सरकार को एक बार फिर से इन नियुक्तियों को भरना होगा।'
कोर्ट ने यह भी कहा कि, राज्य सरकार को NCTE की साल 2010 की मूल अधिसूचना के अनुसार योग्य उम्मीदवारों को ही नियुक्त करना होगा।
क्यों दिया गया ऐसा फैसला?
आपको बता दें कि साल 2021 में बिहार के अंदर छठे चरण की शिक्षक नियुक्ति की गई थी। इसके बाद कई लोग अपनी याचिका लेकर हाईकोर्ट के पास पहुंच गए। उन याचिकाओं में मांग की गई थी कि, B.Ed पास अभ्यार्थियों को प्राइमरी स्कूल में टीचर के तौर पर नियुक्त करने के फैसले को रोका जाए। हालांकि उस समय राज्य सरकार ने NCTE के 2018 के एक नोटिफिकेशन का हवाला दिया था। उस नोटिफिकेशन का हवाला देते हुए कहा था कि NCTE ने बीएड पास अभ्यर्थियों को क्लास एक से पांच तक के लिए शिक्षक पद पर नियुक्त करने के लिए मंजूरी दे दी है।
राज्य सरकार के उस दावे को मानते हुए 2021 में कोर्ट ने राज्य सरकार को नियुक्ति करने की अनुमति दे दी थी लेकिन कोर्ट में मामले की सुनवाई चलती रही और आज इस पर फैसला आया।
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