Career Growth Tips: जॉब और करियर में अप-डाउन होते रहते हैं। कभी व्यक्ति अपने ड्रीम पोस्ट पर पहुंच जाता है, तो कभी करियर में गिरावट आने लगती है। ऐसी परिस्थिति में फंसने पर व्यक्ति अगर सही निर्णय न ले तो उसका पूरा करियर बर्बाद हो सकता है। ऐसी स्थिति से बाहर निकलने में मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूती बेहद जरूरी होती है। जो लोग अपने भावनाओं पर कंट्रोल पाकर मुश्किल परिस्थित में भी सही निर्णय लेते हैं, वही लक्ष्य तक पहुंच पाते हैं। हालांकि यह इतना आसान भी नहीं होता है। मानसिक और भावनात्मक रूप से खुद को मजबूत बनने के लिए निरंतर अभ्यास और मजबूत दिमाग की जरूरत पड़ती है। यहां पर हम कुछ ऐसे ही टिप्स बता रहे हैं, जिनकी मदद से आप खुद को भावनात्मक रूप से मजबूत बना सकते हैं।
अपने दिमाग को तैयार करें
खुद को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाने में सबसे अहम रोल दिमाग का होता है, इसलिए अपने दिमाग को हर परिस्थित के लिए तैयार रखें। ऑफिस वर्क के समय अगर आपको गुस्सा आता है तो उसे शांत रखने का रेगुलर अभ्यास करें। खुद से आंकलन करें कि गुस्सा आने के समय आपके दिमाग और शरीर में क्या बदलाव हो रहा है। आपको पता चलेगा कि इस इस दौरान आपकी सांसें तेज हो गर्इ हैं या मांसपेशियां तन गर्इ हैं। ऐसे समय में अपनी आंखें बंद कर अपनी सांसों पर ध्यान दें और हो सक तो लोगों से दूर खुली जगह में जाकर ताजी हवा में सांस लें।
भावनाओं को सही दिशा में इस्तेमाल करें
दिमाग में कई तरह की तरंगें व भावनाएं उठती हैं, इन्हें सही दिशा दिखाना जरूरी होता है। इसकी मदद से आप मुश्किल समय में अपने अनुभवों के आधार पर जल्दी और सही निर्णय ले सकते हैं। ऐसे समय में हमेशा सकारात्मक चीजों को याद करें और अपने लक्ष्य को याद कर निर्णय लें।
कभी भी भावनाओं में बह कर फैसला न लें
करियर में सफलता दिलाने में दिमाग का सबसे अहम रोल होता है। इसी की मदद से शिक्षा और प्रशिक्षण हासिल होता है। इसलिए अपने दिमाग को हमेशा लंबी अवधि के करियर निर्णयों को लेने में लगाएं। कोई भी निर्णय लेने से पहले उसका विरोधी विचारों के साथ जांच जरूर करें। अगर आप कोई फैसला नहीं कर पा रहे हैं या फिर भावनात्मक रूप से बहुत उत्साहित या असहज हो रहे हैं तो उस वक्त निर्णय न लें। पहले खुद को शांत करें और फिर किसी निर्णय पर पहुंचें।
खुद की भावना पहचानें
आपका दिमाग किस दिशा में सोचता है और उसमें क्या चल रहा है, इसके बारे में आपसे बेहतर कोई नहीं जान सकता है। इसलिए आप भावनात्मक रूप से जो भी महसूस करें, उसे एक खास पहचान दें। इससे आपको कोई भी फैसला लेने या भावनाओं को काबू करने में मदद मिलेगी। अगर आपको ज्यादा परेशानी है तो ट्रेनर, मेंटर या फिर प्रोफेशनल स्पॉन्सर की मदद ले सकते हैं।