Forest And Wildlife: जंगल के बीच रहकर प्रकृति और वाइल्ड लाइफ का आनंद लेना सभी को भाता है। इस रोमांच को अनुभव करने के लिए लोग हजारों लाखों रुपये तक खर्च कर देते हैं। अगर आपको भी वाइल्ड लाइफ का रोमांच पसंद है तो आप इसे शानदार करियर में भी बदल सकते हैं। फॉरेस्ट एंड वाइल्ड लाइफ से संबंधित कोर्स करके आप अच्छी सैलरी के साथ जॉब हासिल कर सकते हैं। इस फील्ड में कई ऐसे जॉब ऑप्शन मौजूद हैं, जहां पर करोड़ों रुपये तक का पैकेज भी हासिल किया जा सकता है।
जरूरी पात्रता और योग्यता
युवा फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के साथ 12वीं करने के बाद फॉरेस्ट और वाइल्ड लाइफ से संबंधित कोर्स कर सकते हैं। इस सेक्टर में बीएससी इन वाइल्ड लाइफ, बीएससी इन फॉरेस्ट्री, एमएससी इन फॉरेस्ट्री, एमएससी इन वुड साइंस एंड टेक्नोलॉजी, एमएससी इन वाइल्ड लाइफ जैसे डिग्री कोर्स के अलावा पीजी डिप्लोमा इन फॉरेस्ट मैनेजमेंट का कोर्स भी मौजूद है। इस सेक्टर में कोर्स पूरा करने के बाद छात्रों को कई तरह के करियर ऑप्शन मिलते हैं।
करियर ऑप्शन क्या है-
सरकारी जॉब
छात्र इंडियन फॉरेस्ट सर्विस (आईएफएस) का एग्जाम क्रैक कर टॉप लेवल अधिकारी बन सकते हैं। इस पद पर रहकर पूरे जंगल की जिम्मेदारी संभालनी पड़ती है। यह वाइल्ड लाइफ में सबसे टॉप पोस्ट होती है। इन अधिकारियों को आईएएस-पीसीएस अधिकारियों की तरह शानदार सैलरी व अन्य सुविधाएं मिलती हैं।
वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर
वाइल्फ लाइफ फोटोग्राफर बनना कई युवाओं का ड्रीम होता है। डिस्कवरी, नेशनल जियोग्राफी जैसे कई इंटरनेशनल व नेशनल चैनल इस फील्ड में कार्य कर रही हैं। यहां पर टॉप फोटोग्राफर को करोड़ों का सालाना पैकेज मिल जाता है। इसके आलवा फ्रीलांस के तौर पर भी आप अपने वीडियो व फोटो से लाखों रूपये कमा सकते हैं।
एनवायरमेंट रिसर्चर
एनवायरमेंट रिसर्चर जगलों व जानवरों में होने वाले बदलाव का अध्ययन करते हैं। देश में इंडियन काउंसिल ऑफ फॉरेस्ट्री रिसर्च ऐंड एजुकेशन और इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल फॉरेस्ट्री जैसी संस्थाओं में बतौर रिसर्चर आप कार्य कर सकते हैं।
जू क्यूरेटर
शहर के अंदर बने जू में आप जू क्यूरेटर के तौर पर भी कार्य कर सकते हैं। इन पर जू में जानवरों की दिनचर्या को जांचना और उनकी देखभाल करने का कार्य करना पड़ता है। ये शहर के लोगों को जंगली जानवरों से रूबरू कराते हैं।
डेंड्रोलॉजिस्ट
जंगली पेड़-पौधों के विकास व बदलाव का अध्ययन करने वाले स्पेशलिस्ट को डेंड्रोलॉजिस्ट कहा जाता है। ये पेड़ों का जीवन चक्र, ग्रेडिंग, भूगोलिक बदलाव का असर, क्लासिफिकेशन, मेजरिंग पर रिसर्च करते हैं।