लखनऊ. इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने कहा कि यदि अभ्यर्थी कंप्यूटर विषय से बीटेक या बीसीए उत्तीर्ण है तो सीसीसी (कोर्स ऑन कंप्यूटर कांसेप्ट) प्रमाणपत्र न होने पर भी उसे योग्य माना जाएगा। अदालत ने इसके साथ ही गन्ना व चीनी आयुक्त के 15 जनवरी, 2020 के एक आदेश को खारिज कर दिया जिसमें जारी ट्रिपल सी सर्टिफिकेट के समकक्ष कंप्यूटर शिक्षा प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को गन्ना सुपरवाइजर के योग्य नहीं माना गया था। यह आदेश न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की एकल पीठ ने मोहित कुमार व अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया।
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याचियों का कहना था कि गन्ना सुपरवाइजर के पदों पर भर्ती के लिए पांच अक्टूबर, 2016 को जारी विज्ञापन के क्रम में उन्होंने आवेदन किया था। उक्त पद के लिए कृषि विज्ञान के साथ-साथ डोएक द्वारा जारी ट्रिपल सी सर्टिफिकेट की शैक्षिक अर्हता मांगी गई थी। सभी याचियों के पास ट्रिपल सी के समकक्ष शैक्षिक योग्यता है। अदालत ने पाया कि सरकार के ही तमाम शासनादेशों में यह स्पष्ट है कि ट्रिपल सी के समकक्ष कम्प्यूटर शिक्षा को प्राप्त किया अभ्यर्थी राज्याधीन लोक सेवाओं के लिए अर्ह होगा।
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अदालत ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा कि ट्रिपल सी की कुछ सरकारी पदों पर अनिवार्यता इसलिए की गई, ताकि लोगों को सरकारी सेवाएं इलेक्ट्रॉनक माध्यम से प्रदान की जा सकें। ट्रिपल सी कोर्स के जरिये छात्र को सूचना तकनीकी का आधारभूत ज्ञान प्राप्त होता है। वर्तमान मामले में याचियों के पास भले ट्रिपल सी सर्टिफिकेट न हो, लेकिन उन्होंने मान्यता प्राप्त संस्थानों से समकक्ष योग्यता प्राप्त की है। इस वजह से वे उक्त पद पर आवेदन करने के लिए योग्य माने जाएंगे।