नई दिल्ली। नाबार्ड और आईआईटी खड़गपुर ने मिलकर एक एग्री-फूड टेकथॉन आयोजित किया है। यह आयोजन, एग्री-फूड स्टार्टअप्स और कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इस टेकथॉन से एग्री-फूड सेक्टर के विभिन्न क्षेत्रों में नवीनीकरण को भी बल मिलेगा। टेकथॉन को संबोधित करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, "देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत के आधार स्तंभ हैं। अगर वे मजबूत रहेंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी और मेरा मानना है कि आत्मनिर्भर भारत को विकसित करने में एग्री-फूड स्टार्टअप्स की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रहेगी।"
यह टेकथॉन एग्री-फूड सेक्टर के विभिन्न क्षेत्रों में नवीनीकरण और उद्यमिता में भारत के युवाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया है। यह एग्री-फूड टेकथॉन इस क्षेत्र में स्टार्टअप इन्क्यूबेशन के लिए नए विचारों की पहचान करके, उनको सफल बिजनेस बनाने में मदद करेगा। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य प्रसिद्ध शिक्षाविदों द्वारा तकनीकी वार्ता के माध्यम से और युवा किसानों को प्रोत्साहित करके कृषि संबंधी समस्याओं का नए-नए समाधान खोजना है। इसके अलावा जागरूकता फैलाना भी इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है।
इस अवसर पर नाबार्ड के अध्यक्ष डॉ. जी आर चिंताला, आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रोफेसर वी के तिवारी भी उपस्थित रहे। केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मुझे खुशी है कि एग्री-फूड टेकथॉन, शास्त्री जी के जय जवान, जय किसान के आदर्श के साथ जुड़ा हुआ है। शास्त्री जी ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरित क्रांति की शुरूआत की। वह भारत की कृषि पारिस्थितिकी तंत्र में एक क्रांति लाने के लिए किसानों की शक्तियों में विश्वास करते थे। वह किसान - अनाज और जीवन के मजबूत रिश्ते में विश्वास करते थे।"
डॉ. निशंक ने कहा कि, "पश्चिम बंगाल में दूसरी हरित क्रांति शुरू करने की क्षमता है। बरही में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की आधारशिला रखते हुए प्रधानमंत्री ने भी कहा था कि भारत में कृषि सुधार लाने के लिए पश्चिम बंगाल केंद्र बिंदु है।"
केंद्रीय मंत्री ने एग्री-फूड स्टार्टअप्स के बारे में बात करते हुए कहा, "भारतीय कृषि को एडवांस्ड कृषि तकनीकी की मदद से काफी हद तक बेहतर कर सकते हैं। ऐसे में, भारत में एग्री-फूड स्टार्टअप्स के लिए बहुत बड़ा स्कोप है। पिछले एक दशक में, शिक्षित युवाओं, नवीन विचारों और एडवांस्ड तकनीकी तथा व्यावसायिक विचारों को लॉन्च करने के अदम्य साहस ने भारतीय कृषि को नई ऊंचाई प्रदान की है।"