इन दिनों देश में एनईपी 2020 के तहत तैयार की गई नई किताबों की पढ़ाई की तैयारी चल रही है। इसी बीच मंत्रालय ने राज्यों से शिक्षकों के लाखों खाली पदों भरने को कहा है। साथ ही मंत्रालय ने बताया कि देश में पहले के अपेक्षा टीचर्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, लेकिन देश भर में अभी भी 8 लाख से ज्यादा टीचर्स के पद खाली हैं। इनमें सबसे ज्यादा पद प्राइमरी लेवल पर पढ़ाने वाले शिक्षकों की है, जिनकी संख्या करीबन 7 लाख है। शिक्षा मंत्रालय ने स्कूलों से इन पदों पर भर्ती करने को कहा है।
कई सालों से बना रहा दबाव
बता दें कि शिक्षा मंत्रालय कई सालों से राज्यों में टीचर्स के खाली पदों को भरने के लिए लगातार दबाव बना रहा है। इसी का असर है कि कई राज्यों में शिक्षकों की संख्या बढ़ी है, पर अभी भी यूपी, बिहार, एमपी, झारखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, पश्चिम बंगाल जैसे राज्य हैं, जहां बड़ी तदाद में शिक्षकों के पद खाली हैं।
प्राइमरी लेवल पर सबसे अधिक पद खाली
मंत्रालय ने राज्यों को खाली शिक्षकों के पदों को भरने के लिए एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें राज्यों से छात्र-शिक्षकों के अनुपात को भी संतुलित रखने का निर्देश दिया है। साथ ही मंत्रालय का कहना है कि इससे स्कूलों में एजुकेशन लेवल बेहतर होगा और राज्य के परफॉर्मेंस में भी सुधार दिखेगा।
सबसे ज्यादा वैकेंसी प्राइमरी लेवल पर
मंत्रालय ने बताया कि प्राइमरी लेवल पर 2021-22 में शिक्षकों के 10.37 लाख खाली पद थे, जो 2022-23 में घटकर 8.92 लाख रह गए और अब 2023-24 ये और घटकर 7.22 लाख बचे हैं।
वहीं, सेकेंडरी लेवल पर साल 2021-22 में शिक्षकों के खाली पदों की संख्या 1.29 लाख थी, जो 2022-23 में बढ़कर 1.32 लाख थे, लेकिन एकेडमिक ईयर 2023-24 ये घटकर 1.24 लाख पहुंच चुकी है।
किस राज्य में टीचर्स के कितने पद खाली?
राज्य का नाम | प्राइमरी लेवल पर खाली पद |
उत्तर प्रदेश | 1.42 लाख |
बिहार | 1.92 लाख |
झारखंड | 75,000 |
मध्य प्रदेश | 52,000 |
छत्तीसगढ़ | 8,000 |
सेकेंडरी लेवल पर कितने पद खाली
राज्य का नाम | सेकेंडरी लेवल पर खाली पद |
बिहार | 32,000 |
मध्य प्रदेश | 15,000 |
उत्तर प्रदेश | 7,000 |
झारखंड | 5,000 |
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