दिल्ली यूनिवर्सिटी के एडहॉक टीचरों के लिए खुशखबरी। DU अपने यहां एडहॉक टीचरों को परमानेंट करने जा रहा है। इसके लिए रोस्टर पास हो चुके हैं। DU से सम्बद्ध विभागों और 12 कॉलेजों में पिछले चार महीने में लगभग 460 परमानेंट टीचर्स की तैनाती की जा चुकी है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई अन्य कॉलेजों में भी परमानेंट टीचर्स की अपॉइंटमेंट के लिए स्क्रीनिंग और स्क्रूटनी की जा रही है। इस बारे में दिल्ली यूनिवर्सिटी के शिक्षक संगठनों का कहना है कि बहुत से कॉलेजों ने अपना रोस्टर तो पास करा लिया है लेकिन अभी तक परमानेंट टीचर्स की भर्ती के लिए ऐड नहीं निकाला है। उन कॉलेजों पर दबाव बनाकर जल्द से जल्द ऐड निकलवाकर स्क्रीनिंग और स्क्रूटनी कराकर एडहॉक टीचर्स की परमानेंट अपॉइंटमेंट कराई जाए। शिक्षकों का मानना है कि इससे दिल्ली यूनिवर्सिटी को एडहॉक टीचिंग से मुक्ति मिलेगी और एजुकेशनल और रिसर्च कार्यों में क्वालिटी बढ़ेगी।
फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने रखी अपनी बात
शिक्षक संगठन फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने डूटा की मीटिंग में कहा है कि DU में लंबे समय के बाद परमानेंट अपॉइंटमेंट की प्रक्रिया शुरू हुई है जिसे जारी रखा जाना चाहिए। दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेजों में 1176 पदों में से परमानेंट टीचर्स की अपॉइंटमेंट के अलावा 100 टीचर डिस्प्लेसमेंट हुए हैं। 11 टीचर्स का डिस्प्लेसमेंट EWS के कारण पदों में बदलाव के कारण हुआ है। डिस्प्लेसमेंट हुए टीचर्स में 10 टीचरों को फिर से एडहॉक पदों पर ज्वाइन कराया गया है।
इन कॉलेजों में अपॉइंटमेंट प्रोसेस जारी
जिन कॉलेजों में अपॉइंटमेंट प्रोसेस जारी है उन कॉलेजों में देशबंधु कॉलेज, हंसराज कॉलेज, स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज, दयालसिंह कॉलेज, दयालसिंह कॉलेज (सांध्य), रामजस कॉलेज, किरोड़ीमल कॉलेज, दिल्ली कॉलेज आर्ट्स एंड कॉमर्स, दौलतराम कॉलेज, लक्ष्मीबाई कॉलेज आदि हैं। देशबंधु कॉलेज एक मात्र ऐसा कॉलेज है जहां सभी एडहॉक टीचर्स का एडजस्टमेंट और कंफर्मेंशन हुआ है।
तेजी से हो रहे स्क्रूटनी और स्क्रीनिंग के कार्य
इन कॉलेजों में स्क्रीनिंग का कार्य पूरा होने के बाद टीचर्स की परमानेंट अपॉइंटमेंट की प्रक्रिया जारी है। इसके अलावा एक दर्जन कॉलेजों में स्क्रूटनी और स्क्रीनिंग का कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने बताया है कि इसी तरह से DU के विभिन्न विभागों में अभी तक 95 टीचर्स की परमानेंट अपॉइंटमेंट हुई है, जबकि 12 टीचर्स का डिस्प्लेसमेंट हुआ है। इस तरह से विभिन्न विभागों और कॉलेजों में कुल मिलाकर लगभग 460 टीचर्स की परमानेंट अपॉइंटमेंट्स हो चुकी हैं।
'सालों से नहीं हुई है परमानेंट अपॉइंटमेंट्स'
फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस प्रोफेसर हंसराज सुमन ने कहा कि DU के कॉलेजों में परमानेंट टीचर्स से ज्यादा एडहॉक टीचर्स काम कर रहे है। कुछ कॉलेजों में तो स्थिति यह है कि 70 से 80 फीसदी एडहॉक टीचर्स काम कर रहे है। उन्होंने यह भी बताया है कि कुछ कॉलेजों के विभागों में एक भी परमानेंट टीचर नहीं है। उनका कहना है कि राजनीति के चलते सालों से सेवानिवृत्तियों के बावजूद परमानेंट अपॉइंटमेंट्स नहीं हुई, जिसके कारण एडहॉक टीचर्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जो आज 5 हजार से ज्यादा हो चुकी है।