Wednesday, November 06, 2024
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शिक्षकों ने की 3 मांग, राज्य सरकार ने नहीं मानी; 1 लाख से ज्यादा प्राइमरी टीचर्स ने कर दी हड़ताल

ओडिशा में 1 लाख से ज्यादा टीचर हड़ताल पर चले गए हैं जिसके वजह से 50 हजार से भी ज्यादा स्कूल प्रभावित हुए हैं। बता दें कि टीचर्स संगठन व सरकार में बातचीत की गई थी, इसके बावजूद भी टीचर हड़ताल पर चले गए हैं।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Updated on: September 14, 2023 14:07 IST
teachers strike in odisha- India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE (ANI) उड़ीसा में 1 लाख से ज्यादा प्राइमरी टीचर्स ने किया हड़ताल

ओडिशा में इन दिनों प्राइमरी शिक्षण संस्थानों के हाल कुछ खास ठीक नजर नहीं आ रहे हैं। आप सोच रहे होंगे की हम ऐसा क्यों कह रहे हैं? बता दें कि खबर आ रही है कि राज्य भर में करीब 1.30 लाख प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल के टीचर कथित तौर पर सामूहिक रूप से अवकाश पर चले गए हैं। बता दें कि ऑल उत्कल प्राइमरी टीचर्स फेडरेशन (एयूपीटीएफ) के बैनर तले 6 से 7 अलग-अलग संगठनों ने 8 सितंबर को हड़ताल शुरू की थी। प्रदर्शनकारियों और सरकार के बीच इस मुद्दे को लेकर चर्चा भी की गई, पर इस चर्चा के बाद भी ये गतिरोध खत्म नहीं हुआ। टीचर्स ने अपनी वेतन में बढ़ोतरी सहित अपनी अन्य मांगें सरकार से मांगी थी, पर ये मांगे पूरी न होने पर बुधवार को राज्य भर में लगभग 1.30 लाख शिक्षक कथित तौर पर सामूहिक अवकाश पर चले गए।

50,000 से अधिक स्कूल प्रभावित

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, बता दें कि इस हड़ताल के कारण उस दिन 50,000 से अधिक स्कूल और 40 लाख से अधिक छात्र और मिड-डे मील कार्यक्रम प्रभावित हुआ है। ऑल उत्कल प्राइमरी टीचर्स फेडरेशन (एयूपीटीएफ) के सदस्यों की ने सरकार से ग्रेड वेतन 2,200 रुपये से बढ़ाकर 4,200 रुपये बढ़ाने की मांग की थी। वहीं, फेडरेशन के सदस्य सुनील कुमार प्रधान ने कहा, “प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल के टीचर्स के लिए केंद्रीय ग्रेड वेतन 4,200 रुपये है। करीब 22 राज्यों की सरकारें अपने शिक्षकों को समान ग्रेड वेतन प्रदान कर रही हैं। भले ही ओडिशा सरकार ने नेशनल टीचर एजुकेशन काउंसिल के दिशानिर्देशों के अनुसार योग्यता को मैट्रिक और शिक्षण में प्रमाणपत्र (सीटी) से प्लस- II के साथ-साथ सीटी या बैचलर्स इन एजुकेशन (बीएड) में अपग्रेड कर दिया है, फिर भी ग्रेड वेतन में बढ़ोतरी नहीं की है।”

"6 अनुमानित वेतन वृद्धि देनी चाहिए"

प्रधान ने आगे कहा, "सरकार को हमारी संविदा अवधि को भी हमारी सेवा में जोड़ना चाहिए और हमें इसके लिए 6 अनुमानित वेतन वृद्धि प्रदान करनी चाहिए।" इतना ही नही, प्रदर्शनकारी जूनियर शिक्षकों के लिए संविदा व्यवस्था को खत्म कर सीधे प्रारंभिक संवर्ग में नियुक्ति की भी मांग कर रहे हैं। जूनियर शिक्षकों को प्रारंभिक कक्षा में एडमिशन से पहले 6 साल तक काम करना होता है। साथ ही राज्य में ठेकेदारी प्रथा को खत्म किया जाए। प्रदर्शनकारी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की भी मांग कर रहे हैं। बता दें कि ये प्रदर्शन महासंघ की महासचिव चारुलता महापात्रा की अगुवाई में हो रहा है।

क्या हैं शिक्षकों की मांगें

1. ग्रेड पे 2,200 रुपये से बढ़ाकर 4,200 रुपये किया गया

2. कनिष्ठ शिक्षकों के लिए संविदा प्रथा समाप्त करना
3. पुरानी पेंशन योजना की बहाली

स्कूल और जन शिक्षा विभाग के सूत्रों ने कहा कि सरकार ने शिक्षकों की मांगों पर विचार करने के लिए एक पैनल का गठन किया है। पैनल को अपनी रिपोर्ट एक इंटरनल मिनिस्ट्रियल कमेटी को सौंपने के लिए कहा गया है, जिसके बाद सरकार फैसला करेगी। हालांकि, प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे हड़ताल वापस नहीं लेंगे। इस बीच, ऑल ओडिशा टीजी टीचर्स एसोसिएशन ने कहा कि उसके सदस्य कुछ अन्य यूनियनों द्वारा आहूत हड़ताल या सामूहिक अवकाश में भाग नहीं ले रहे हैं।

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