सरकार ने सोमवार को बताया कि तीनों सशस्त्र बलों में करीब 1.55 लाख कर्मियों की कमी है और सेना में सबसे ज्यादा 1.36 लाख रिक्तियां हैं। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने एक लिखित जवाब में कहा कि सशस्त्र बलों के कर्मियों की कमी और न्यूनीकरण के उपायों की नियमित रूप से समीक्षा की जाती है तथा रिक्तियों को भरने एवं युवाओं को सेवाओं में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के वास्ते कई उपाय शुरू किये गए हैं।
"भारतीय सेना में 8,129 अधिकारियों की कमी'
भट्ट ने कहा कि भारतीय सेना में 8,129 अधिकारियों की कमी है, जिसमें आर्मी मेडिकल कोर और आर्मी डेंटल कोर के अधिकारी भी शामिल हैं। उनके मुताबिक, मिलिट्री नर्सिंग सर्विस (एमएनएस) में 509 पद खाली हैं और जेसीओ तथा अन्य रैंकों के 1,27,673 पद भी खाली हैं। असैनिक कर्मचारियों की भर्ती के मामले में समूह-ए में 252 रिक्त पद हैं, जबकि समूह-बी और समूह-सी में क्रमश: 2,549 और 35,368 रिक्तियां हैं। उन्होंने बताया कि नौसेना में 12,428 कर्मियों की कमी है। मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि नौसेना में 1,653 अधिकारियों, 29 चिकित्सा और दंत चिकित्सा अधिकारियों और 10,746 नाविकों की कमी है। असैनिक कर्मचारियों में समूह-ए में 165, समूह-बी में 4207 और समूह-सी में 6156 की कमी है।
'भारतीय वायुसेना में 7,031 कर्मियों की कमी'
रक्षा राज्य मंत्री के मुताबिक भारतीय वायुसेना में 7,031 कर्मियों की कमी है। उन्होंने कहा कि वायुसेना में 721 अधिकारियों, 16 चिकित्सा अधिकारियों, 4,734 एयरमैन और चिकित्सा सहायक ट्रेड में 113 एयरमैन की कमी है। नियोजित किये जा रहे नागरिकों में, समूह-ए में 22, समूह-बी में 1303 और समूह-सी में 5531 रिक्तियां हैं। भट्ट ने कहा, "सशस्त्र बलों द्वारा कर्मियों की कमी और उसे दुरुस्त करने के उपायों की नियमित रूप से समीक्षा की जाती है और यह विस्तृत विश्लेषण पर आधारित होता है। रिक्तियों को भरने और युवाओं को सेवाओं में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई उपाय शुरू किए गए हैं।"
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