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मोदी ने विश्वभारती को सराहा, छात्रों से किसानों, शिल्पकारों के लिए वैश्विक बाजार उपलब्ध कराने को कहा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व भारती विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक व प्रेरणादायी विरासत का उल्लेख करते हुए यहां के छात्रों से विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांवों के किसानों और शिल्पकारों के उत्पादों के

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: February 19, 2021 17:34 IST
Modi praised Vishwabharati, asking students to provide...- India TV Hindi
Image Source : FILE Modi praised Vishwabharati, asking students to provide global market for farmers and craftsmen

Visva-Bharati University Convocation: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व भारती विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक व प्रेरणादायी विरासत का उल्लेख करते हुए यहां के छात्रों से विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांवों के किसानों और शिल्पकारों के उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार उपलब्ध कराने का शुक्रवार को आह्वान किया. उन्होंने कहा कि गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के लिए विश्व भारती सिर्फ ज्ञान देने वाली एक संस्था नहीं थी, बल्कि भारतीय संस्कृति के शीर्षस्थ लक्ष्य तक पहुंचने का माध्यम भी थी.

देश के सबसे पुराने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शुमार विश्व भारती के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह नामचीन विश्वविद्यालय अपने आप में ज्ञान का वो उन्मुक्त समंदर है, जिसकी नींव ही अनुभव आधारित शिक्षा के लिए रखी गई.उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस प्रेरणादायी विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों से आग्रह करता हूं कि वे इस संस्था द्वारा गोद लिए गए गांवों के किसानों और शिल्पकारों के उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार उपलब्ध कराएं. यह ‘आत्मनिर्भर भारत' के निर्माण की दिशा में एक कदम होगा.''

प्रधानमंत्री ने कहा कि ज्ञान और रचनात्मकता की कोई सीमा नहीं होती और ये हमेशा याद रखना चाहिए कि ज्ञान, विचार और कौशल, स्थिर नहीं है बल्कि ये सतत चलने वाली प्रक्रिया है.उन्होंने कहा, ‘‘इसमें सुधार की गुंजाइश भी हमेशा रहेगी. लेकिन ज्ञान और शक्ति जिम्मेदारी के साथ आती हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि ज्ञान सिर्फ व्यक्ति विशेष का नहीं, बल्कि समाज और देश की धरोहर होती है और जिस प्रकार, सत्ता में रहते हुए संयम और संवेदनशील रहना पड़ता है, उसी प्रकार हर विद्वान को भी जिम्मेदार रहना पड़ता है.

छात्रों को झकझोरने की कोशिश के तहत उन्होंने कहा कि उनका ज्ञान और कौशल एक समाज और देश को गौरवान्वित भी कर सकती है, तो वह समाज को बदनामी और बर्बादी के अंधकार में भी धकेल सकती है.इतिहास और वर्तमान में ऐसे उदाहरणों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आप देखिए, जो दुनिया में आतंक फैला रहे हैं, जो दुनिया में हिंसा फैला रहे हैं, उनमें भी कई उच्च शिक्षा और कौशल वाले लोग हैं. दूसरी तरफ ऐसे भी लोग हैं जो कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से दुनिया को मुक्ति दिलाने के लिए दिनरात प्रयोगशालाओं में जुटे हुए हैं.''

उन्होंने कहा कि अगर नीयत साफ है और निष्ठा मां भारती के प्रति है, तो हर निर्णय किसी ना किसी समाधान की तरफ ही बढ़ेगा. उन्होंने कहा, ‘‘सफलता और असफलता हमारा वर्तमान और भविष्य तय नहीं करती. हो सकता है आपको किसी फैसले के बाद जैसा सोचा था वैसा परिणाम न मिले, लेकिन आपको फैसला लेने में डरना नहीं चाहिए.''

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