नई दिल्ली। 99 जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रत्येक क्लासरूम को स्मार्ट क्लासरूम बनाने हेतु अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने लगभग 35.80 करोड़ रुपये की अनुदान राशि स्वीकृत की है। वहीं केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को जवाहर नवोदय विद्यालयों की महत्ता बताते हुए कहा कि, "हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा शैक्षिक सुविधाओं का अभाव रहा है। ऐसे में जवाहर नवोदय विद्यालय जैसे शिक्षा केंद्र इस अभाव को, इस गैप को भरने का काम करते हैं। "
मंगलवार को निशंक ने एक ऑनलाइन कार्यक्रम के माध्यम से झारखंड के पाकुड़ जिले में जवाहर नवोदय विद्यालय के नए भवन का शिलान्यास किया। जवाहर नवोदय विद्यालय पाकुड़-2 वर्ष 2008-09 में अनुमोदित हो गया था एवं अस्थायी भवन से कार्यरत था, क्योंकि स्थायी भवन निर्माण के लिये उपयुक्त भूमि उपलब्ध नहीं थी। अब भूमि उपलब्ध होने से इसके नवीन स्थायी परिसर के निर्माण का अवरोध समाप्त हो गया है। भवन का निर्माण आगामी दो वर्षों में पूर्ण किया जाएगा।
पाकुड़ के जवाहर नवोदय विद्यालय अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति बहुल क्षेत्र में शिक्षा संबंधी आवश्यकता के अनुसार स्थापित किया गया है। चूंकि यह विद्यालय अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र के अंतर्गत भी आता हैं, अत: अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने 6 जवाहर नवोदय विद्यालय के भवनों के निर्माण हेतु 240 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है। जिससे कि निर्माणकार्यों को समय पर चरणबद्ध तरीके से पूर्ण किया जा सकेगा। इसके अलावा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत देश के विभिन्न भागों तथा अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में स्थित 99 जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रत्येक क्लासरूम को स्मार्ट क्लासरूम बनाने हेतु लगभग 35.80 करोड़ रुपये की अनुदान राशि स्वीकृत की है।
डॉ निशंक ने कहा, "मैं आश्वस्त करता हूं कि भविष्य में भी इस प्रकार के संयुक्त प्रयासों को तीव्रता दी जाएगी, जिससे कि न केवल अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में बल्कि भारत के प्रत्येक कोने में शिक्षा का प्रसार हो सके।" उन्होने कहा, "जवाहर नवोदय विद्यालय एक उदात्त विजन के साथ काम करता है। मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभाशाली बच्चों को उनके परिवार की सामाजिक आर्थिक स्थिति पर ध्यान दिए बिना, गुणात्मक आधुनिक शिक्षा प्रदान करना, जिसमें सामाजिक मूल्यों, पर्यावरण के प्रति जागरूकता, साहसिक कार्य के लाभ और शारीरिक शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण घटकों का समावेश हो। ऐसे शिक्षा संस्थान ग्रामीण क्षेत्रों में टैलेंट हंट सेंटर के रूप में काम करते हैं, जिनके माध्यम से हम अपने मानवीय संपदा का विकास, संचय व वर्धन करते हैं। प्रतिभा की पहचान, उसका विकास एवं पोषण तथा प्रतिभा को उचित अवसर देकर, ये संस्थान राष्ट्र निर्माण में अपनी महती भूमिका निभाते हैं।"