Medical Colleges reopening: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को राज्य सरकारों से एक दिसंबर या उससे पहले मेडिकल कॉलेजों को फिर से खोलने के लिए कदम उठाने को कहा। इसने साथ में हिदायत दी कि कोविड-19 से संबंधित दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित हो। देश में कोविड-19 महामारी के कारण मार्च से ही शिक्षण संस्थान बंद हैं। सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने यह भी सुझाव दिया कि संबंधित मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में गैर कोविड बिस्तर उपलब्ध रखे जाएं ताकि छात्रों को प्रशिक्षण मिल सके।
पत्र में उल्लेख किया गया है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने मेडिकल कॉलेजों को फिर से खोलने के लिए गृह मंत्रालय से सहमति प्राप्त की है।स्वास्थ्य सचिव ने 25 नवंबर को लिखे पत्र में कहा है, “राज्य और केंद्रशासित प्रदेश एक दिसंबर या उससे पहले मेडिकल कॉलेजों को खोलने के लिए आवश्यक कदम उठा सकते हैं।उन्होंने कहा, “कहने की जरूरत नहीं है कि केंद्र / राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा महामारी के प्रसार को रोकने और भौतिक दूरी बनाने के संबंध में जारी सभी एसओपी / दिशा-निर्देशों का पालन सभी कॉलेज करें।''
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने एमबीबीएस कर रहे छात्रों के लिए एक दिसंबर या उससे पहले मेडिकल कॉलेज खोलने की सिफारिश की है, जिसके बाद केंद्र सरकार ने उक्त निर्देश जारी किए हैं। एनएमसी ने कहा था कि उसे छात्रों और मेडिकल कॉलेजों की ओर से प्रतिविदेन मिले हैं, जिनमें कहा गया है कि प्रशिक्षुओं के मौजूदा बैच (2020) ने अपना जरूरी क्लिनिकल प्रशिक्षण पूरा नहीं किया है और अगर वे इसे पूरा नहीं करेंगे तो वे स्नातकोत्तर-नीट परीक्षा में बैठने के लिए योग्य नहीं होंगे।
इसने कहा था कि 2021-2022 शैक्षणिक सत्र के लिए स्नातकोत्तर-नीट परीक्षा में देर की गई है, क्योंकि पात्र विद्यार्थी देर से अपना प्रशिक्षण पूरा करेंगे। एनएमसी ने कहा कि यह जरूरी है कि उनका प्रशिक्षण जल्द से जल्द पूरा हो ताकि उसके हिसाब से 2021-2022 सत्र के लिए स्नातकोत्तर-नीट परीक्षा आयोजित कराई जा सके। इसने कहा कि प्रशिक्षण को फिर से शुरू करने में देरी करने से आने वाले वर्षों में अगले स्नातकोत्तर और सुपर-स्पेशलिटी पाठ्यक्रमों के प्रशिक्षण पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा
एनएमसी ने 12 नवंबर को स्वास्थ्य मंत्रालय को लिखे पत्र में कहा था कि 2020-21 के विलंबित नए शैक्षणिक सत्र को एक फरवरी 2021 से शुरू किया जाना चाहिए। शैक्षणिक वर्ष 2020-2021 का नया स्नातकोत्तर सत्र कम से कम एक जुलाई 2021 से शुरू किया जाए।