नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) मेडिकल छात्रों के शोषण को लेकर काफी सख्त हो गई है। एनएमसी को हाल ही में प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट ग्रेजुएट कर रहे मेडिकल छात्रों के शोषण की ढेर सारी शिकायतें मिली थीं। आरोप है कि मेडिकल कॉलेजों द्वारा पीजी छात्रों को बिना वीकली ऑफ के 18-20 घंटे तक काम कराया जाता है। इसके अलावा उन्हें महीने में मिलने वाली राशि भी पूरी नहीं मिल रही है। इससे छात्र तनाव में आकर सुसाइड जैसे कदम उठा रहे हैं।
यूपी, पंजाब समेत कई राज्यों से शिकायतें
आयोग ने हाल में ऐसी ही परिस्थितियों में एक पीजी छात्रा के सुसाइड मामले में भी मेडिकल कॉलेज के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो आयोग को बड़े पैमाने पर यूपी, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक आदि प्रदेशों से ढ़ेरों शिकायतें मिल रही हैं जहां प्राइवेट मेडिकल कॉलेज पीजी छात्रों का शोषण कर रहे हैं।
नहीं मान रहे दिशा-निर्देश
एनएमसी के दिशा-निर्देशों के मुताबिक पीजी छात्रों से किसी भी हालत में रोजाना 8 घंटे से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकता, पर कॉलेज रिकॉर्ड में दिखाए बगैर 18 से लेकर 20 घंटे तक रोजाना उन छात्रों से काम लेते हैं। साथ ही छात्रों को कोई छुट्टी तक नहीं मिलता। मंथली अलाउंस के नाम पर उन्हें मुश्किल से 20-24 हजार रुपये मिल रहे हैं जबकि ये राशि करीब 1 लाख रुपये माह होती है।
झूठे डाक्यूमेंट पर करवा लेते हैं साइन
छात्रों का आरोप है कि कॉलेज झूठे डाक्यूमेंट्स पर छात्रों से साइन करवा लेते हैं। यदि कोई छात्र इसकी शिकायत करता है तो कॉलेज प्रशासन उन्हें फेल करने की धमकी देते हैं। एनएमसी को मिली शिकायतों के मुताबिक, अभिभावकों की तरफ से कई शिकायतें मिल रही हैं। इनकी जांच की जा रही है। ऐसे में संभावना बन रही है रही है कि मामलों की जांच के लिए कुछ कॉलेज में एनएमसी की टीम अचानक निरीक्षण भी कर सकती है।
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