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ममता बनर्जी ने 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने की घोषणा की

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि राज्य में कोविड की स्थिति को देखते हुए इस साल राज्य में माध्यमिक (दसवीं) और उच्च माध्यमिक (बारहवीं) कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी। छात्रों के लिए मूल्यांकन प्रक्रिया संबंधित बोर्ड द्वारा विशेषज्ञ समिति और राज्य शिक्षा विभाग के परामर्श से तय की जाएगी, जिसकी घोषणा सात दिनों के भीतर की जाएगी।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : June 07, 2021 19:18 IST
Mamata Banerjee announces cancellation of class 10th, 12th...
Image Source : FILE Mamata Banerjee announces cancellation of class 10th, 12th board exams

कोलकाता| पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि राज्य में कोविड की स्थिति को देखते हुए इस साल राज्य में माध्यमिक (दसवीं) और उच्च माध्यमिक (बारहवीं) कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित नहीं की जाएंगी। छात्रों के लिए मूल्यांकन प्रक्रिया संबंधित बोर्ड द्वारा विशेषज्ञ समिति और राज्य शिक्षा विभाग के परामर्श से तय की जाएगी, जिसकी घोषणा सात दिनों के भीतर की जाएगी।

बनर्जी ने कहा, हमने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था और इसके अधिकांश सदस्यों का विचार है कि महामारी की स्थिति को देखते हुए, छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए स्कूलों में जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। हमने ईमेल के माध्यम से जनता से प्रतिक्रिया भी ली। 34,000 उत्तरदाताओं में से 79 प्रतिशत दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के खिलाफ हैं, जबकि 83 प्रतिशत लोग बारहवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के विरोध में हैं।

उन्होंने कहा, जनता की राय और विशेषज्ञ समिति के विचारों को ध्यान में रखते हुए, हमने इस साल माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला किया है। अब से सात दिनों के भीतर संबंधित बोर्ड - राज्य शिक्षा विभाग और विशेषज्ञ समिति के परामर्श से - मूल्यांकन प्रक्रिया की घोषणा करेंगे।

मुख्यमंत्री ने माध्यमिक बोर्ड के प्रमुख कल्याणज्योति बनर्जी और पश्चिम बंगाल उच्च माध्यमिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष मोहुआ दास को भी निर्देश दिया कि वे छात्रों के मूल्यांकन की प्रक्रिया को सावधानीपूर्वक और सहानुभूतिपूर्वक निर्धारित करें, ताकि उन्हें नुकसान न हो।

मुख्यमंत्री ने कहा, उच्च माध्यमिक के छात्र अखिल भारतीय प्रवेश परीक्षा में शामिल होंगे और मूल्यांकन प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार करते समय इसे ध्यान में रखा जाना चाहिए। छात्रों को परेशानी नहीं होनी चाहिए।

इससे पहले, राज्य सरकार ने बोर्ड परीक्षाओं के कार्यक्रम की घोषणा को स्थगित कर दिया था और स्थिति की समीक्षा करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। सरकार ने समिति से कोरोना की मौजूदा स्थिति में परीक्षा आयोजित करने की संभावना और तंत्र पर 72 घंटे के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।

इससे पहले बताया गया था कि समिति कई मामलों पर अपनी राय देगी, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या इस स्थिति में परीक्षा आयोजित करना संभव है और यदि ऐसा है तो छात्रों और कर्मचारियों को संक्रमण से बचाते हुए परीक्षा आयोजित करने का तंत्र क्या होगा। समिति को परीक्षा आयोजित नहीं होने पर छात्रों के मूल्यांकन के पहलू पर भी गौर करने को कहा गया था।

राज्य के शिक्षा सचिव मनीष जैन को सौंपी गई रिपोर्ट में छह सदस्यीय समिति ने लगभग 12 लाख माध्यमिक छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित करने पर कड़ी आपत्ति जताई और सुझाव दिया कि राज्य सरकार 7.5 लाख उच्च माध्यमिक छात्रों का मूल्यांकन असाइनमेंट और घर से परीक्षाओं के माध्यम से कर सकती है।

 

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