मैथ और साइंस से दिमागी लड़ाई कर रहे एसएससी यानी कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए राहत भरी खबर है। महाराष्ट्र सरकार ने अपने नए स्कूल सिलेबस करिकुलम में इन विषयों में जरूरी मिनिमम पासिंग मार्क को वर्तमान के 35 से घटाने फैसला लिया है। हालाँकि, इसमें एक दिक्कत है, इन छात्रों को उनकी मार्कशीट पर ‘पास’ के रूप में चिह्नित किया जाएगा और एक विशेष नोट में यह लिखा जाएगा कि वे मैथ या साइंस आगे नहीं पढ़ सकते हैं।
35 से घटाकर किया इतना
राज्य सरकार ने 10वीं के छात्रों के लिए मैथ और साइंस में मिनिमम पासिंग मार्क घटाकर 100 में से 20 करने का फैसला किया है, जो कि पहले 35 था। इस कदम का उद्देश्य ह्यूमैनिटी और आर्ट विषयों में पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों की मदद करना है, जो 10वीं कक्षा में फेल होने पर पढ़ाई छोड़ सकते हैं।
इस साल नहीं होगा लागू
TOI के मुताबिक, महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष शरद गोसावी ने कहा कि पासिंग मार्क में बदलाव इस साल से लागू नहीं किया जाएगा। गोसावी ने कहा, "यह तब लागू होगा जब पूरे राज्य में नया सिलेबस लागू हो जाएगा।"
नए सिलेबस का हिस्सा
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक राहुल रेखावर ने कहा कि यह बदलाव स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पहले से ही अनुमोदित नए सिलेबस करिकुलम का हिस्सा है। उन्होंने कहा, "मैथ या साइंस में फेल होने और एसएससी (10वीं) में असफल होने से अक्सर छात्रों को अपनी शिक्षा जारी रखने का कोई अवसर नहीं मिलता, भले ही उनकी योग्यता कहीं और हो। यह बदलाव यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि छात्रों को गलत तरीके से सिस्टम से बाहर न किया जाए और वे अभी भी अपनी शैक्षणिक और करियर संबंधी आकांक्षाओं को पूरा कर सकें।"
रेखावर ने कहा कि अगर छात्र चाहे तो वह अगले साल भी सप्लिमेंटरी एग्जाम और रेगुलर एग्जाम दे सकता है, विषयों में पास हो सकता है और उसे नए नंबर मिल सकते हैं। "यह सिर्फ़ एक अतिरिक्त सुविधा है जिसे हम मौजूदा सुविधाओं में जोड़ रहे हैं।"
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