महाराष्ट्र के आदिवासी बहुल पालघर जिले से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां जिला परिषद और राज्य सरकार से सहायता प्राप्त कम से कम दो स्कूलों के छात्रों को दिए जाने वाले नाश्ते में कथित तौर पर फफूंद और जिंदा लार्वा पाए गए। पालघर के जिलाधिकारी गोविंद बोडके ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि सैंपल ले लिए गए हैं। उन्होंने लैब रिपोर्ट के आने के बाद आपूर्तिकर्ता के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया।
मुख्य रूप से यहां से आईं शिकायतें
जानकारी के अनुसार मुख्यत: खानिवली के आनंद लक्ष्मण चंदावर स्कूल और चिंचनी जिला परिषद स्कूल नंबर तीन से शिकायतें सामने आईं। यहां चिक्की (एक मीठा, पौष्टिक नाश्ता) दूषित मिला। पेरेंट्स ने दावा किया कि ब्रेकफास्ट फफूंद और जीवित लार्वा से ढका हुआ था। एक बच्चे के अभिभावक ने कहा, "हमारे बच्चों का स्वास्थ्य खतरे में है। हम उन्हें दिए जा रहे भोजन पर कैसे भरोसा कर सकते हैं?" वहीं, एक दूसरे अभिभावक ने दावा करते हुए कहा, "हमने बार-बार शिकायत की है, फिर भी प्रशासन हमारे बच्चों के प्रति लापरवाही बरत रहा है।"
कब होगी कार्रवाई?
जिलाधिकारी गोविंद बोडके ने बताया कि पालघर जिले के कुछ स्कूलों के छात्रों को दिए जाने वाले भोजन में फफूंद और लार्वा पाए जाने वाली बात सच है। उन्होंने बताया, "जिला स्तर के शिक्षा अधिकारियों ने नमूने एकत्र कर विस्तृत रिपोर्ट के लिए प्रयोगशालाओं को भेज दिए हैं। हमें प्रयोगशाला द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने तक इंतजार करना होगा। रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद आपूर्तिकर्ता के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाएगी।"(Input With PTI)