Sunday, December 22, 2024
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चार महीने से नहीं मिला वेतन, कॉलेज के प्रोफेसर्स ने फुटपाथ पर किए जूते पॉलिश

ऐसी बदहाली की सूरत में अब अध्यापकों ने आंदोलन करने का फैसला लिया है ताकि सरकार कुछ ठोस कदम उठाए। अध्यापकों ने फैसला किया है कि अब नए- नए तरीकों से आंदोलन तब तक चलाया जायेगा, जब तक समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं मिल जाता। शिक्षकों का कहना है कि जल्द ही हमारी समस्याओं का समाधान होना चाहिए।

Edited By: Pankaj Yadav @ThePankajY
Published : Jan 28, 2023 20:11 IST, Updated : Jan 28, 2023 20:11 IST
कॉलेज के प्रोफेसर्स ने फुटपाथ पर किए जूते पॉलिश।
कॉलेज के प्रोफेसर्स ने फुटपाथ पर किए जूते पॉलिश।

बीते चार महीने से वेतन न मिलने से नाराज दिल्ली विश्वविद्यालय के महाराजा अग्रसेन कॉलेज के अध्यापकों ने फुटपाथ पर जूते पॉलिश कर अपना विरोध जताया है। कॉलेज के प्रोफेसर्स ने कॉलेज के बाहर ही दिल्ली सरकार के खिलाफ नाराजगी और अपनी आर्थिक स्थिति जताने के लिए लोगों के जूते पॉलिश किए। बड़ी तादाद में छात्रों ने भी शू-पालिश धरने में भाग लिया। गौरतलब है कि महाराजा अग्रसेन के कॉलेज का स्टाफ नियमित वेतन न मिलने की समस्याओं से जूझ रहा है।

पिछले तीन सालों से वेतन मिलने में हो रही देरी

शिक्षकों के मुताबिक कॉलेज के अध्यापकों को सातवें वेतन आयोग के एरियर भी अभी तक नहीं मिले हैं। पिछले तीन सालों से अध्यापकों को चिकित्सा बिलों का भुगतान, एलटीसी सुविधा का भुगतान और बाल शिक्षा भत्ता भी नहीं मिला है। दरअसल दिल्ली विश्वविद्यालय के बारह कॉलेजों में शत-प्रतिशत वित्तपोषण दिल्ली सरकार द्वारा किया जाता है, इन्हीं बारह कॉलेजों में लगातार वित्तीय समस्याएं बनी रहती हैं। शिक्षकों का कहना है कि पिछले तीन सालों से इन कॉलेजों को मिलने वाले अनुदान में कमी और देरी के मामले सामने आए हैं।

अध्यापकों ने पहले कदम के तौर पर शू-पालिश धरने का आयोजन किया है।

Image Source : INDIATV
अध्यापकों ने पहले कदम के तौर पर शू-पालिश धरने का आयोजन किया है।

“शिक्षक बोबस और मजबूर हो गए हैं”

प्रोफेसर पीके शर्मा के मुताबिक महाराजा अग्रसेन कालेज के अध्यापकों और कर्मचारियों को चार महीनों से वेतन नहीं मिला है। वेतन न मिलने की स्थिति में कर्मचारी और अध्यापक अपने बच्चों की स्कूल फीस का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं, ये अपने लोन के भुगतान की किश्तें भी नहीं दे पाए हैं। महामारी में घर के सदस्यों के बीमार होने की भयंकर त्रासदियों का सामना भी कई कर्मचारियों और अध्यापकों ने किया है। कई के परिवार में किसी मृत्यु की स्थिति में उधार मांगकर क्रिया-कर्म निपटाने जैसे मामले भी सामने आए हैं। कुल मिलाकर अध्यापन जैसे सम्मानजनक पेशे से जुड़े कई अध्यापक खुद को एकदम बेबस और अपमानित महसूस कर रहे हैं और मानसिक तनाव का शिकार हो रहे हैं। कोरोना काल में भी महाराजा अग्रसेन कालेज के कर्मी इस तरह से महीनों महीने वेतन न मिलने की स्थिति का शिकार हुए थे।

समस्या को सामने रखा गया लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं

महाराजा अग्रसेन कालेज के शिक्षकों ने अनियमित वेतन की समस्याओं को कॉलेज के प्रिंसिपल, कालेज के शासी निकाय, दिल्ली यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (डूटा), दिल्ली विश्वविद्यालय के उप-कुलपति, दिल्ली के लेफ्टीनेंट गवर्नर और दिल्ली सरकार के सामने भी रखा। हालांकि अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं मिला है। ऐसी बदहाली की सूरत में अब अध्यापकों ने आंदोलन करने का फैसला लिया है ताकि सरकार कुछ ठोस कदम उठाए। अध्यापकों ने फैसला किया है कि अब तरह तरह से नए नए तरीकों से आंदोलन तब तक चलाया जायेगा, जब तक समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं मिल जाता। शिक्षकों का कहना है कि हर महीने वेतन का नियमित भुगतान संतोषजनक तरीके से किया जाना चाहिए।

कॉलेज के शिक्षकों ने पॉलिश किए जूते

अपना विरोध जताने व अपनी बदहाली की तरफ सबका ध्यान आकर्षित करने के लिए के लिए अध्यापकों ने पहले कदम के तौर पर शू-पालिश धरने का आयोजन किया है। अध्यापकों और अध्यापिकाओं ने कॉलेज के बाहर की सड़क पर जनता और अपने छात्रों-छात्राओं के जूतों और चप्पल पर पालिश की और इससे जनसमर्थन जुटाया।

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