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कोटा: कंपटीशन की तैयारी में मानसिक तनाव! योग और जुम्बा क्लास का सहारा ले रहे कोचिंग इंस्टीट्यूट

पिछले हफ्ते तीन छात्रों के कथित तौर पर आत्महत्या करने के बाद कोटा के कोचिंग संस्थान सुर्खियों में है। प्रमुख कोचिंग संस्थान ‘एलन’ में विभिन्न मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में फिलहाल 1.5 लाख से ज्यादा छात्र कोचिंग हासिल करते हैं।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: December 22, 2022 18:20 IST
kota students yoga- India TV Hindi
Image Source : PTI योग कक्षा में भाग लेते हुए स्टूडेंट्स

कोटा (राजस्थान): कोटा के कोचिंग संस्थानों में छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के तनाव और चिंता से बाहर निकालने में मदद के लिए योग सत्रों, जुम्बा कक्षाओं से लेकर काउंसलर की एक टीम को तैनात किया गया है। इसके अलावा 24 घंटे सातों दिन कार्यरत हेल्पलाइन की व्यवस्था की गई है। पिछले हफ्ते तीन छात्रों के कथित तौर पर आत्महत्या करने के बाद कोटा के कोचिंग संस्थान सुर्खियों में है। प्रमुख कोचिंग संस्थान ‘एलन’ में विभिन्न मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में फिलहाल 1.5 लाख से ज्यादा छात्र कोचिंग हासिल करते हैं।

संस्थान ने अपने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए नियमित योग सत्र व जुम्बा क्लासों के अलावा “तुम होगे कामयाब” और “विंग्स ऑफ विजडम” जैसे विशेष कार्यक्रम चलाए हैं। ‘एलन’ में प्रधान परामर्शदाता व छात्र-व्यवहार विशेषज्ञ डॉ. हरीश शर्मा ने कहा, “हमारे यहां एक समर्पित हेल्पलाइन है जो 24 घंटे सातों दिन काम करती है और इसके माध्यम से प्रतिदिन 50 से अधिक छात्र या अभिभावक बात करते हैं।” उन्होंने बताया, “प्रति 10 छात्रों के लिए हमारे पास एक पर्यवेक्षक छात्र है जिसे 'बडी' कहा जाता है। बडी का काम समूह के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में पता लगाना और शिक्षकों को यह बताना होता है कि किसी छात्र में कोई लक्षण या संकेत तो नहीं हैं? जैसे वह कुछ दिन से ठीक से नहीं खा रहा है, कमरे से बाहर नहीं आ रहा है या कक्षाओं में भाग नहीं ले रहा है या अपने माता-पिता से बात नहीं कर रहा है।”

kota students zumba class

Image Source : PTI
जुम्बा क्लास में भाग लेते हुए स्टूडेंट्स

उन्होंने कहा कि शिक्षकों को किसी भी ऐसे छात्र के बारे में पता चलने के बाद संस्थान में उपलब्ध प्रोफेशनल काउंसलर को बुलाया जाता है। ‘रेजोनेंस’ भी कोटा का एक प्रमुख कोचिंग संस्थान है, जिसमें प्रत्येक छात्र के पास शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक मुद्दों से निपटने में उसकी मदद करने के लिए एक संरक्षक होता है। संस्थान के प्रबंध निदेशक और अकादमिक प्रमुख आर. के. अग्रवाल ने कहा, “हम छात्रों को न केवल उनकी अकादमिक चिंताओं बल्कि ऐसे गैर-शैक्षणिक मुद्दों पर भी चर्चा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं जो तनाव या चिंता पैदा कर रहे हैं। योग सत्र और एकाग्रता अभ्यास भी उन गतिविधियों में शामिल हैं जिन्हें छात्रों के बीच प्रोत्साहित किया जाता है।”

पुलिस और जिला प्रशासन के रिकॉर्ड के मुताबिक, इस साल शहर के कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले कम से कम 14 छात्रों ने आत्महत्या कर ली। 2021 में जब यहां के कोचिंग सेंटर कोविड-19 महामारी के कारण बंद थे और छात्रों ने अपने घरों से ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लिया था, तब किसी भी छात्र की आत्महत्या की सूचना नहीं मिली थी। 2019 में यह संख्या 18 और 2020 में 20 थी। पिछले सप्ताह आत्महत्या करने वाले तीन छात्रों में, एनईईटी की तैयारी कर रहे अंकुश आनंद (18), जेईई की तैयारी कर रहे उज्ज्वल कुमार (17) शामिल थे। दोनों बिहार से थे। पुलिस के अनुसार दोनों के शव 12 दिसंबर को उनके किराए के कमरे में छत के पंखे से लटके पाए गए थे। मध्य प्रदेश का रहने वाला तीसरा छात्र प्रणव वर्मा (17) एनईईटी की तैयारी कर रहा था। उसने 11 दिसंबर को अपने छात्रावास में जहरीला पदार्थ खा लिया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी।

kota students yoga class

Image Source : PTI
योग कक्षा में भाग लेते हुए स्टूडेंट्स

चालू वर्ष में, कोटा में विभिन्न कोचिंग संस्थानों में रिकॉर्ड दो लाख छात्र तैयारी कर रहे हैं। ‘कोटा हॉस्टल एसोसिएशन’ के अध्यक्ष नवीन मित्तल ने कहा कि छात्रों को तनाव और चिंता से निपटने में मदद करने के लिए हॉस्टल में भी इसी तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “क्योंकि हर छात्र अच्छी पढ़ाई करने के मकसद से एक कमरे के आवास में रहता है, इसलिए साथियों के लिए हमेशा मैन्युअल रूप से जांच करना संभव नहीं है, लेकिन हम यह सुनिश्चित करते हैं कि वार्डन नियमित रूप से छात्रों से बात करें।” उन्होंने कहा, “छात्रों के मनोरंजन के लिए छात्रावासों में विशेष 'फन जोन' बनाए गए हैं। ध्यान सत्र भी नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं।”

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