राजस्थान सरकार कोटा में आत्महत्या रोकने के लिए हर संभव कोशिश में जुट गई है। बीते दिन सरकार द्वारा गठित कमेटी ने एक बड़ी सिफारिश की है।इस सिफारिश से कमेटी उम्मीद कर रही है कि छात्रों को पढ़ाई के दबाव से थोड़ी राहत मिलेगी। बता दें कि सरकार ने हाल ही में खुदकुशी रोकने को लेकर ये राज्य स्तरीय कमेटी गठित की थी। कमेटी ने सोमवार को कोटा के कोचिंग संस्थानों को पढ़ाई के घंटे कम करने और छात्रों की दिनचर्या में मनोरंजक गतिविधियों को जोड़कर उनके लिए एक अनुकूल माहौल बनाने की सिफारिश की। कोटा में कमेटी की एक बैठक की गई है।
मीटिंग के दौरान सुझाव मांगे गए
कोटा के जिलाधिकारी ओ पी बुनकर ने मीटिंग के बाद कहा कि यह सिफारिश आत्महत्या की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए विशेषज्ञों और सामाजिक कल्याण संगठनों और आध्यात्मिक व योग समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ कमेटी की मैराथन मीटिंग के बाद की गई है। बुनकर ने कहा कि प्रमुख सचिव (हायर एंड टेक्निकल एजुकेशन) भवानी सिंह देथा की अध्यक्षता में कमेटी ने गठन के बाद अपनी पहली मीटिंग में 5 सत्रों में आयोजित मैराथन मीटिंग के दौरान हितधारकों से सुझाव मांगे।
कमेटी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी
बता दें कि ये मीटिंग सुबह 10.30 बजे से शाम सात बजे तक 8 घंटे से अधिक समय तक चली। कोचिंग क्लास लेने वाले नीट और जेईई उम्मीदवारों द्वारा आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं के बीच अगस्त में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा कमेटी का गठन किया गया था। बुनकर ने कहा कि हितधारकों से प्राप्त सिफारिशों के आधार पर राज्य स्तरीय कमेटी एक रिपोर्ट तैयार करेगी और राज्य सरकार को सौंपेगी।
(इनपुट-पीटीआई)
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