वर्ल्ड यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी यानी JNU को सस्टेनेबिलिटी में समानता और समावेशिता के अनुरूप रिसर्च आउटपुट के लिए भारत में शीर्ष स्थान हासिल हुआ है। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में रोजगार, पर्यावरण व सस्टेनेबिलिटी के दृष्टिकोण से भारत का सर्वश्रेष्ठ संस्थान IIT बॉम्बे और दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्थान IIT दिल्ली है। 15 भारतीय यूनिवर्सिटियों की इस रैंकिंग में JNU तीसरे स्थान पर है।
मौजूदा वल्र्ड यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग में अमेरिका की 135 यूनिवर्सिटीज को स्थान मिला है। वर्ल्ड यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग में अमेरिकी यूनिवर्सिटियों का 19.2 फीसदी हिस्सा है। इस रैंकिंग में अमेरिका की 30 यूनिवर्सिटी टॉप 100 में शामिल हैं। वहीं दूसरे नंबर पर ब्रिटेन के कुल 67 यूनिवर्सिटी शामिल हैं। अमेरिका और इंग्लैंड के बाद ऑस्ट्रेलिया टीम एवं जर्मनी इस रैंकिंग में सबसे आगे हैं।
यूनिवर्सिटी के छात्र एवं शिक्षक उत्साहित हैं
वल्र्ड यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के बेहतर प्रदर्शन से यूनिवर्सिटी के छात्र एवं शिक्षक उत्साहित हैं। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री डी पंडित ने वल्र्ड यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग पर कहा कि डॉ बाबासाहेब अंबेडकर और प्रधानमंत्री मोदी के सपने को पूरा करने पर वह JNU के छात्रों और शिक्षकों को बधाई देती हैं।
शिक्षाविदों का कहना है कि वल्र्ड यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग ने वैश्विक स्तर पर यह दर्शाया है कि देश में समानता के लिए JNU नंबर वन यूनिवर्सिटी है। JNU यूनिवर्सिटीी स्तर पर लैंगिक समानता और समाज की विभिन्न असमानताओं को दूर करने पर काम कर रहा है। यूनिवर्सिटी में समानता के मानदंड पर JNU को 361- 400 रैंक मिला है।
क्यूएस ने कुछ नए क्राइटेरिया बनाए हैं
वहीं क्वालिटी ऑफ लाइफ व स्वास्थ्य पर फोकस कर रहे IIT खड़गपुर को वर्ल्ड यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग 551-600 के स्लॉट में स्थान हासिल हुआ है। IIT खड़गपुर को रिसर्च के लगातार और नियमित प्रयासों में सबसे अधिक अंक हासिल हुए हैं। IIT खड़गपुर में लाइफस्टाइल और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कई खास शुरुआत की गई हैं। इन क्षेत्रों पर IIT खड़गपुर में की जा रही रिसर्च को वैश्विक स्तर पर भी सराहा गया है।
वर्ल्ड यूनिवर्सिटी क्यूएस रैंकिंग का एक उद्देश्य पर्यावरण और सामाजिक सरोकार के विषय में यूनिवर्सिटियों के स्तर पर सटीक जानकारी एकत्र करना है। रैंकिंग के माध्यम से उच्च शिक्षण संस्थान पर्यावरण और सामाजिक सरोकार के मुद्दे पर किए जा रहे काम को वैश्विक मान्यता प्राप्त होती है। इन नए मानकों की पहचान के लिए क्यूएस ने कुछ नए क्राइटेरिया बनाए हैं। इन क्राइटेरिया के आधार पर क्यूएस ने विश्व भर के 13 हजार से अधिक उच्च शिक्षण संस्थानों का अध्ययन किया। अध्ययन के उपरांत क्यूएस ने 700 उच्च शिक्षण संस्थानों को रैंकिंग के लिए शॉर्टलिस्ट किया।
क्यूएस रैंकिंग में JNU तीसरे स्थान पर है
वहीं ओवरऑल क्यूएस रैंकिंग में JNU तीसरे स्थान पर है। यह भारतीय यूनिवर्सिटियों के लिए क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग है। इसके अंतर्गत कुल 15 भारतीय यूनिवर्सिटियों को रैंकिंग में स्थान मिला है। पहले स्थान पर IIT-बॉम्बे है। IIT दिल्ली के बाद IIT मुंबई में भारत में सबसे अधिक अंक अर्जित करते हुए 281 से 300 रैंक की रेंज में स्थान स्थान हासिल किया है। इसके बाद IIT-दिल्ली 321 से 340 रैंक के यूनिवर्सिटियों में आया है।