Saturday, November 23, 2024
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शौचालय की सफाई, लड़कियों से वसूली, रात भर 17 किमी पैदल चल शिकायत करने पहुंची हॉस्टल की छात्राएं

झारखंंड में 61 छात्राएं 17 किलोमीटर पैदल चलकर डीसी ऑफिस पहुंची। छात्राओं ने अधिकारी से हॉस्टल वार्डन के खिलाफ शिकायत की है। पूरा मामला सुन जिले के पदाधिकारी सकते में आ गए।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published on: January 18, 2023 7:59 IST
झारखंड में 61 छात्राएं रातभर पैदल चलकर शिकायत करने पहुंची डीसी ऑफिस - India TV Hindi
Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE/PTI झारखंड में 61 छात्राएं रातभर पैदल चलकर शिकायत करने पहुंची डीसी ऑफिस

झारखंड में स्कूल की 61 छात्राएं रात भर पैदल चल जिले के अधिकारी शिकायत करने पहुंची। जिन्हें देख अधिकारी भी हैरान और परेशान हो गए। छात्राओं ने अपनी शिकायत में जिले के अधिकारी को बताया कि उन्हें बासी खाना दिया जाता है, साथ ही उनसे शौचालय की सफाई भी करनी पड़ती है।

दरअसल, पश्चिमी सिंहभूम के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय खूंटपानी की 61 छात्राएं रविवार की देर रात चुपके से छात्रावास से निकल गईं और करीब 17 किमी सुनसान सड़क पर पैदल चल कर सुबह 7 बजे अपने वार्डेन की शिकायत करने उपायुक्त (DC) के पास पहुंचीं। घटना को लेकर जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया है। इतनी बड़ी संख्या में कक्षा 11 की छात्राओं को सर्द रात में पैदल चल कर अपने कार्यालय आया देखकर स्वयं डीसी सकते में आ गए और उन्होंने तत्काल BSA को मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए। 

छात्राओं को  किया जाता परेशान

डीसी के निर्देश पर जिला शिक्षा अधीक्षक तत्काल उनके ऑफिस पहुंचे और छात्राओं को वापस स्कूल पहुंचाया। छात्राओं ने शिक्षा विभाग के पदाधिकारी को बताया कि वार्डन द्वारा हर समय छात्राओं को प्रताड़ित किया जाता है। कोई पदाधिकारी जांच करने आते हैं तो पहले ही छात्राओं को धमकाकर झूठ बोलने पर मजबूर किया जाता है। छात्राओं ने बताया कि उन्हें यह कहने को मजबूर किया जाता है कि उन्हें सब कुछ मिलता है और हॉस्टल में सब कुछ ठीक चल रहा है।

छात्राओं से कराया जाता हैं शौचालय साफ

छात्राओं ने कहा कि सरकार द्वारा भोजन सहित अन्य जो सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, वह भी छात्राओं को नहीं मिलता है। जबरन बासी खाना खिलाया जाता है। छोटे क्लास की बच्चियों को इस भीषण ठंड में फर्श पर चटाई डालकर सोने को मजबूर किया जाता है। किसी तरह का विरोध करने पर डांट के साथ-साथ वार्डन द्वारा पिटाई भी की जाती है। अभिभावक के साथ होने वाली मीटिंग में अगर कोई कमी बताई जाती है तो बाद में उस छात्रा के साथ वार्डन मारपीट तक करती हैं। इतना ही नहीं, छात्राओं ने बताया कि उन लोगों से शौचालय साफ कराया जाता है। शौचालय जाम होने की स्थिति में छात्राओं से पैसा वसूल कर सफाईकर्मी को बुलाया जाता है और उसे साफ कराया जाता है।

वसूली जाती है बिजली बिल

इसी तरह बिजली बिल के नाम पर भी छात्राओं से वसूली की जाती है। छात्राओं ने आरोप लगाया, ‘‘छात्रावास के वार्डन का कहना है कि 1 लाख रुपए से ज्यादा बिजली बिल आता है। इसलिए सभी को बिल का पैसा देना होगा। शौचालय में कुंडी तक नहीं है। एक छात्रा बाहर खड़ी रहती और दूसरी शौचालय में जाती है। कुंडी लगाने को कहने पर डांट-फटकार कर भगा दिया जाता है।’’ 

सांसद ने डीसी को फोन कर दी जानकारी

अधिकारियों ने बताया कि रातभर चलने के बाद छात्राएं जब सुबह चाईबासा पहुंचीं तो एक छात्रा ने सांसद गीता कोड़ा को फोन कर घटना की जानकारी दी और वार्डन द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया। गीता कोड़ा ने तुरंत डीसी को फोन से जानकारी दी। उसके बाद डीसी ने जिला शिक्षा अधीक्षक अभय कुमार शील को समाहरणालय भेजा। शील ने कहा कि पूरे मामले की एक टीम बनाकर जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कारवाई होगी।

 

इनपुट- भाषा

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