नई दिल्ली। सोमवार को जामिया मिलिया इस्लामिया के नवनिर्मित स्कूल ऑफ एजुकेशन भवन का उद्घाटन किया गया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जामिया मिलिया इस्लामिया की फैकल्टी ऑफ एजुकेशन के इस स्कूल ऑफ एजुकेशन भवन का उद्घाटन किया। इस इमारत का निर्माण भारत सरकार के, पंडित मदन मोहन मालवीय नेशनल मिशन ऑन टीचर्स एंड टीचिंग योजना के तहत मिले अनुदान से किया गया है।
इस मौके पर जामिया की कुलपति प्रो. नजमा अख्तर ने नए भवन के निर्माण के लिए दी गई वित्तीय सहायता के लिए शिक्षा मंत्री को धन्यवाद दिया और उनसे गुजारिश की कि नए भवन में आईसीटी इन्फ्रास्टक्च र और अन्य उपकरणों को मुहैया कराने में भी सहयोग करें।
प्रो अ़ख्तर ने कहा, "जामिया नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करने की पूरी कोशिश करेगा। एनईपी उच्च शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों के लिए नए अवसर पैदा करेगा। जामिया को मेडिकल कॉलेज-कम-हॉस्पिटल बनाने के लिए सरकार के समर्थन की जरूरत है। ऐसा इसलिए भी आवश्यक है, क्योंकि विश्वविद्यालय के आसपास कोई भी सरकारी अस्पताल नहीं है।"
उन्होंने उम्मीद जताई कि शिक्षा मंत्रालय निकट भविष्य में विश्वविद्यालय की लंबे समय से चली आ रही इस मांग पर ध्यान देगा। विश्वविद्यालय के कर्मचारी और आस-पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोग, खासतौर से कोविड के समय में, सरकारी अस्पताल की सख्त जरूरत महसूस कर रहे हैं।
माननीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने नए भवन के लिए जामिया युनिवर्सिटी को मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा, "जामिया अपने 100 साल के सफर में ढेर सारी चुनौतियों का सामना करते हुए आज देश के शीर्ष संस्थानों में से एक है। सफलता का श्रेय विश्वविद्यालय के शिक्षकों को जाता है।"
पोखरियाल ने कुलपति प्रो. नजमा अख्तर और विश्वविद्यालय के प्रशासनिक मामलों की उनकी टीम की कोशिशों की सराहना करते हुए कहा, "समय बर्बाद किए बिना जामिया एक मिशन मोड पर काम कर रहा है और अच्छे नतीजे उन कोशिशों के गवाह हैं। जामिया भविष्य में भी आशा का केंद्र बनेगा।"
इससे पहले, एजुकेशन फैकल्टी के डीन प्रो. एजाज मसीह ने नए भवन के बारे में एक संक्षिप्त परिचय दिया। कार्यक्रम, जामिया के रजिस्ट्रार ए.पी. सिद्दीकी (आईपीएस) के धन्यवाद प्रस्ताव की औपचारिकता के साथ संपन्न हुआ।