IPS Success Story: आपने आज तक कई आईएएस व आईपीएस के बारे में पढ़ा होगा जो बचपन से ही पढ़ने में तेज होते हैं और वो आगे चलकर यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा पास कर लेते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे आईपीएस के बारे में बताने जा रहे हैं जो पढ़ाई में एवरेज थे। इसके बाद भी अपनी दृढ़ मेहनत से यूपीएससी परीक्षा पास की और आईपीएस बनें। आपको तो पता ही होगा कि यूपीएससी देश की सबसे कठिन परीक्षा है, हर साल इस परीक्षा में लाखों उम्मीदवार शामिल होते हैं, पर सेलेक्शन बस कुछ हजार लोगों का ही होता है। पहली बार IPS अनुराग आर्य उस दौरान चर्चा में आए थे, जब माफिया मुख्तार अंसारी के अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चला था। बता दें इस बात की चर्चा देश के हर कोने में हो रही थी। अनुराग आर्य ने मुख्तार की सल्तनत को हिला कर रख दिया था। आइए आज जानते हैं अनुराग आर्य की पुलिस अधिकारी बनने की पूरी कहानी।
बता दें कि आईपीएस अनुराग आर्य की IPS बनने की चाह बचपन से नहीं थी, वह तो कुछ और करना चाहते थे। आईपीएस अनुराग आर्य एमएससी करके टीचर बनना चाहते थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर थी। एमएससी कोर्स के दौरान ही वो 2 सब्जेक्ट में फेल हो गए और इस बात से उन्हें झटका लगा। इसके बाद उनके मन में ख्याल आया कि इस छोड़ कुछ कर लेते हैं। बता दें कि आईपीएस का गृह जनपद यूपी में है। जानकारी के लिए बता दें कि अनुराग इस समय आजमगढ़ के एसपी पद पर तैनात है।
2013 बैच के अधिकारी हैं आईपीएस अनुराग
बता दें कि अनुराग आर्य 2013 बैच के आईपीएस ऑफिसर हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई बागपत के सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल से हुई है। अनुराग आर्य का पहले सेलेक्शन आरबीआई में हुआ था, इसके करीब 8 महीने बाद ही वह आईपीएस बन गए और आरबीआई की नौकरी छोड़कर प्रशासनिक सेवा करने लगे।
बागपत के रहने वाले हैं अनुराग आर्य
आईपीएस अनुराग आर्य यूपी के बागपत जिले से आते हैं। बागपत में इनका एक छोटा-सा गांव छपरौली है। अनुराग के परिवार में उनकी मां डॉ. पूनम आर्य और पत्नी वनिका सिंह हैं। पत्नी वनिका सिंह पीसीएस अधिकारी हैं। जबकि उनकी मां एक होम्योपैथी डॉक्टर हैं। इनके पिता भी डॉक्टर हैं। पर मां और पिता के बीच मतभेद के चलते परिवार अलग हो गया था।
बचपन में इंग्लिश से डरते थे आईपीएस
अनुराग आर्य ने कक्षा 7वीं तक की पढ़ाई गांव के ही सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल से की है। बचपन में अनुराग को इंग्लिश से डर लगता था। पर इसके बाद उन्होंने इंग्लिश को ही हथियार बना डाला। अपनी कुशाग्र बुद्धि के कारण साल 2008 में उनका एडमिशन देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री स्कूल (IMS) में हो गया। यहां उन्होंने अनुशासन और इंग्लिश दोनों सीखा। यहां उन्होंने घुड़सवारी, माउंटेनियरिंग और राफ्टिंग जैसे खेलों में कई मेडल भी अपने नाम किए। इसके बाद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया। बीएचयू से ग्रेजुएशन के बाद अनुराग आर्य ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज में एमएससी में एडमिशन लिया। लेकिन साल 2011 में वह दो सब्जेक्ट में फेल हो गए, जिसके बाद एमएससी की पढ़ाई छोड़कर यूपीएससी की तैयारी शुरू की।
मुख्तार अंसारी की हिला डाली नींव
आईपीएस अनुराग आर्य की साल 2019 से 2020 तक मऊ में तैनाती थी। इस दौरान उन्होंने मुख्तार अंसारी के गैंग पर कड़ी कार्रवाई की। IPS ने अवैध बूचड़खाने चलाने वाले मुख्तार अंसारी गैंग के 26 लोगों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट की कार्रवाई की थी। साथ ही मुख्तार के शूटर अनुज कनौजिया का घर बुलडोजर से ढहा दिया था। इसके बाद अनुराग आर्य ने साल 2020 में मुख्तार अंसारी पर भी मुकदमा दर्ज किया। बता दें कि साल 2013 के बाद पहली बार था जब मुख्तार पर कोई केस दर्ज हुआ था। आईपीएस अनुराग ने मुख्तार अंसारी और उसके गुर्गों पर जीरों टॉलरेंस की नीति अपना कर कार्रवाई की थी, जिसकी चर्चा आज भी मशहूर है।
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