Saturday, December 21, 2024
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Inspiring Story: बंदूकों को छोड़ हाथों में थामी कलम, कभी थे कुख्यात नक्सली, अब कर रहे 10वीं की तैयारी

जिन हाथो में कभी बंदूकें थी आज वे कलम पकड़े अपना नया भविष्य लिखने की तैयारी कर रहे हैं। कभी नक्सली रहे 6 लोगों ने पढ़ाई के रास्ते से नए मंजिल बनाने और बेहतर भविष्य की तैयारी शुरू कर दी है।

Edited By: Akash Mishra @Akash25100607
Published : Jan 17, 2023 20:17 IST, Updated : Jan 18, 2023 6:13 IST
6 नक्सलियों ने सरेंडर करने के बाद शुरू की 10वीं की तैयारी(सांकेतिक फाइल फोटो)
Image Source : PIXABAY 6 नक्सलियों ने सरेंडर करने के बाद शुरू की 10वीं की तैयारी(सांकेतिक फाइल फोटो)

नक्सलियों के सरेंडर करने की खबर तो आपने बहुत सुनी होगी। लेकिन सरेंडर के बाद बंदूक के घातक भविष्य को छोड़कर पढ़ाई में जुटकर नए सपने की तलाश की खबर शायद ही पढ़ी हो। ऐसा ही एक छत्तीसगढ़ से सामना आया है। कभी नक्सली रहे 6 लोगों ने पढ़ाई के रास्ते से नए मंजिल बनाने और बेहतर भविष्य की तैयारी शउरू कर दी है। जिन हाथो में कभी बंदूकें थी  आज वे कलम पकड़े अपना नया भविष्य लिखने की तैयारी कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में कभी नक्सली रूप में एक्टिव रहे हेमला उन 6 लोगों में शामिल हैं जिन्होंने कबीरधाम जिले के कवर्धा शहर में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। 

इस कारण हेमला ने छोड़ दी थी पढ़ाई

हेमला समेत सभी छह लोग अच्छे फ्यूचर की उम्मीद में छत्तीसगढ़ में 10वीं की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। आपको बता दें कि साल 2005 के दौरान बस्तर संभाग में नक्सल विरोधी आंदोलन ‘सलवा जुडूम’ की शुरुआत हुई थी, जिसमें भारी मात्रा में हिंसा भी  हुई थी। जिसके बाद 26 साल के हेमला को पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी। हालांकि, अब हेमला सरेंडर कर चुके हैं और राज्य की 10वीं की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। हेमला फिर से पढ़ाई शुरू करने का मौका पाकर काफी रोमांचित हैं। डिस्ट्रिक्ट पुलिस के इन्हें शिक्षित करने के अभियान के तहत सरेंडर कर चुके नक्सलियों ने स्टेट ओपन स्कूल की 10वीं क्लास के एग्जाम के लिए फॉर्म भरे हैं।

लोकल पुलिस की मदद से कर रहे पढ़ाई
जानकारी के मुताबिक सेरंडर करने वाले नक्सलियों में दो दंपति भी शामिल हैं। नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के काकेकोरमा गांव के मूल निवासी हेमला 2005 में एक स्कूल में सातवीं क्लास के स्टूडेंट थे। हेमला ने कहा, "बस्तर संभाग के अंदरूनी क्षेत्रों में कई स्कूल बंद हो गए और स्टूडेंट्स को डर के चलते पढ़ाई छोड़ने के लिए विवश होना पड़ा।" हेमला के अलावा उनकी पत्नी अनीता ने नॉर्मल लाइफ जीने के लिए 2019 में सरेंडर कर दिया था। हेमला ने कहा कि हम दोनों की फिर से पढ़ाई शुरू करने की इच्छा थी।  हेमला के मुताबिक सरेंडर के बाद हम एजुकेशन हासिल करना चाहते थे,जो हम अब लोकल पुलिस की मदद से कर रहे हैं।

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