Saturday, April 12, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. एजुकेशन
  3. Infosys ने 300 से ज्यादा फ्रेशर्स को नौकरी से निकाला, जानें इसके पीछे की वजह

Infosys ने 300 से ज्यादा फ्रेशर्स को नौकरी से निकाला, जानें इसके पीछे की वजह

इंफोसिस ने 300 से ज्यादा फ्रेशर्स को नौकरी से निकाल दिया है। आंतरिक मूल्यांकन में पास न हो पाने के कारण, 300 से ज्यादा फ्रेशर्स को नौकरी से निकला गया।

Edited By: Akash Mishra @Akash25100607
Published : Feb 08, 2025 12:19 IST, Updated : Feb 08, 2025 12:19 IST
Infosys ने 300 से ज्यादा फ्रेशर्स को नौकरी से निकाला
Image Source : PTI(FILE) Infosys ने 300 से ज्यादा फ्रेशर्स को नौकरी से निकाला

इंफोसिस ने अपने मैसूर कैंपस में करीब 350 फ्रेशर्स को नौकरी से निकाल दिया, क्योंकि वे आंतरिक मूल्यांकन में पास नहीं हो पाए, जबकि उन्हें सफल होने के लिए तीन प्रयास दिए गए थे। टाइम्स ऑफ इंडिया(TOI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि मूल्यांकन(Evaluation) का मकसद जावा प्रोग्रामिंग और डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (DBMS) में उनकी दक्षता और कौशल का आकलन करना था, जिसके लिए उन्हें प्रत्येक मूल्यांकन में मिनिमम 65% अंक प्राप्त करने की जरूरत थी।

जब इंफोसिस से संपर्क किया गया, तो कंपनी ने कहा, "इंफोसिस में, हमारे पास एक कठोर नियुक्ति प्रक्रिया है, जिसमें सभी फ्रेशर्स को हमारे मैसूर परिसर में व्यापक आधारभूत ट्रेनिंग से गुजरने के बाद, आंतरिक मूल्यांकन(Internal Assessment) में सफल होने की उम्मीद की जाती है। सभी फ्रेशर्स को मूल्यांकन में सफल होने के लिए तीन मौके मिलते हैं, ऐसा न करने पर वे संगठन के साथ आगे नहीं बढ़ पाएंगे, जैसा कि उनके अनुबंध(कॉन्ट्रेक्ट) में भी उल्लेख किया गया है। यह प्रक्रिया दो दशकों से अधिक समय से अस्तित्व में है और हमारे ग्राहकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली प्रतिभा की उपलब्धता सुनिश्चित करती है।"

TOI की रिपोर्ट के अनुसार, नाम न बताने की शर्त पर जब कुछ कर्मचारियों से बात की तो उन्होंने कहा, "मुझे 2022 में नौकरी का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन मुझे लगभग दो साल बाद पिछले नवंबर में ही नौकरी मिली। मुझे 63% अंक मिले, लेकिन मैं सीमा मानदंड को पूरा नहीं कर पाया। मैं पटना से आता हूं और उड़ानें महंगी हैं। हमें कोई वैकल्पिक आवास नहीं दिया गया और शाम 6 बजे तक चले जाने को कहा गया।"

NITES ने लगाए ये आरोप

आईटी यूनियन नैसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) के अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने कहा कि इन कर्मचारियों को अपने ऑफर लेटर मिलने के बाद पहले ही दो साल का लंबा इंतजार सहना पड़ा है। "हालांकि आज पूरी तरह से असम्मानजनक तरीके से, इंफोसिस ने इन कर्मचारियों को अपने मैसूर परिसर के मीटिंग रूम में बुलाया, जहां उन्हें दबाव में 'पारस्परिक अलगाव'(Mutual Seperations) पत्रों पर साइन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।"

'लेबर मिनिस्ट्री के समक्ष करेंगे शिकायत'

Nites ने कहा कि वह लेबर मिनिस्ट्री के समक्ष शिकायत दर्ज कर संकटग्रस्त कर्मचारियों की सहायता के लिए हस्तक्षेप की मांग करेगी।

ये भी पढ़ें- NEET UG 2025 के लिए अप्लाई करने की कितनी होनी चाहिए मिनिमम एज? जानें डिटेल

Latest Education News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें एजुकेशन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement