कनाडा के बाद अब ब्रिटेन की यूनिवर्सिटीज में भारतीय छात्रों के लिए एडमिशन के दरवाजे बंद किए जा रहे हैं। एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारतीय छात्रों को ब्रिटेन की यूनिवर्सिटीज में आवेदन करने से रोका जा रहा है जिससे यूनिवर्सिटीज के फाइनेंशियल कंडीशन खराब हो गए हैं। बता दें कि ये ऐसे में समय में किया जा रहा जब एजुकेशनल इंस्टिट्यूशन पहले ही सीमित बजट का सामना कर रहे हैं। 'ऑफिस फॉर स्टूडेंट्स' एनालिसिस की ओर से शुक्रवार एक रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें पता चलता है कि भारतीय छात्रों की संख्या में 20.4 प्रतिशत की कमी आई है।
छात्रों की संख्या में आई कमी
भारतीय छात्रों की संख्या यहां 1,39,914 से कम होकर 1,11,329 हो गई है। ब्रिटेन में भारतीय छात्र समूहों ने इसे लेकर कहा कि सीमित नौकरी की संभावनाओं और हाल ही में कुछ शहरों में इमीग्रेशन विरोधी दंगों के बाद सुरक्षा चिंताओं के बीच गिरावट की उम्मीद की जा सकती थी। ब्रिटेन सरकार के शिक्षा विभाग के गैर-विभागीय सार्वजनिक निकाय ‘ऑफिस फॉर स्टूडेंट्स’ की रिपोर्ट में कहा गया,"कुछ प्रमुख देशों में भावी नॉन-ब्रिटिश छात्रों के स्टूडेंट वीजा आवेदनों में काफी गिरावट आई है।" इसमें आगे कहा गया, "यह आंकड़ा अंतरराष्ट्रीय छात्रों को जारी किए गए स्पॉन्सर स्वीकृतियों की कुल संख्या में 11.8 प्रतिशत की गिरावट को बताता है। भारतीय और नाइजीरियाई छात्रों को जारी किए गए सीएएस की संख्या में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है, जो क्रमश: 28,585 (20.4 प्रतिशत) और 25,897 (44.6 प्रतिशत) हो गई है।"
यूनिवर्सिटीज को भी होगी दिक्कत
रिपोर्ट में चेतावनी भी दी गई है कि वित्तीय मॉडल वाले यूनिवर्सिटीज पर इस गिरावट का काफी असर हो सकता है जो भारत, नाइजीरिया और बांग्लादेश जैसे देशों के छात्रों पर ज्यादा निर्भर हैं। उसने चेतावनी दी, "कुछ देशों से ब्रिटेन में स्टडी के लिए बड़ी संख्या में भेजे जाने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में काफी कमी आई है।" ‘इंडियन नेशनल स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ (आईएनएसए) ब्रिटेन ने कहा कि उसे विदेशी छात्रों को उन पर आश्रित साझेदारों और जीवनसाथी को साथ लाने की अनुमति देने पर सरकार की रोक को देखते हुए भारतीय छात्रों की संख्या में कमी से हैरानी नहीं हुई है।
(इनपुट- पीटीआई)