Saturday, December 21, 2024
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वैज्ञानिक बन रहे हैं ये भारतीय छात्र, बना रहे हैं वाशेबल सैनिटरी पैड और तनाव को कम करने वाला डिवाइस

हैदराबाद के 'अल्फा मॉनिटर' के 16 वर्षीय हेमेश चडालवाड़ा ने अल्जाइमर रोगियों की निगरानी करने और उनके व्यवहार में बदलाव के बारे में उनकी देखभाल करने वालों को सतर्क करने के लिए एक स्मार्ट रिस्टबैंड विकसित किया है।

Edited By: India TV News Desk
Published : Nov 16, 2022 8:39 IST, Updated : Nov 16, 2022 8:39 IST
REPRESENTATIONAL
Image Source : PTI/ REPRESENTATIONAL वैज्ञानिक बन रहे हैं ये भारतीय छात्र (सांकेतिक तस्वीर)

'सॉल्व फॉर टुमॉरो इन इंडिया' एजुकेशन एंड इनोवेशन कॉम्पिटिशन में बेंगलुरु के रहने वाले 22 वर्षीय छात्र शंकर श्रीनिवासन ने तनाव को कम करने वाला डिवाइस बनाया है। 'स्पुतनिक ब्रेन' नामक टीम का हिस्सा रहे शंकर श्रीनिवासन का यह डिवाइस सुरक्षित ब्रेन मॉड्यूलेशन का उपयोग कर तनाव को कम करने में मदद करता है। वहीं दूसरी ओर पोर्ट ब्लेयर और दिल्ली की टीम 'उड़ान' में शामिल 16 वर्षीय छात्राओं प्रिशा दुबे, अनुप्रिया नायक और वनालिका कोंवर ने इकोफ्रेंडली अफॉर्डेबल और धोने योग्य सैनिटरी पैड विकसित किए हैं।

इसे कटे हुए गन्ना खोई का उपयोग कर तैयार किया गया है। 'सॉल्व फॉर टुमॉरो इन इंडिया' कॉम्पिटिशन जीतने वाले इन टॉप थ्री छात्रों को अपने आइडियाज को हकीकत में बदलने के लिए आईआईटी दिल्ली का साथ मिलेगा। आईआईटी दिल्ली में इन टॉप रौंक छात्रों को 6 महीने का इन्क्यूबेशन और आइडिया को हकीकत में बदलने के लिए 1 करोड़ रुपए तक की ग्रांट मिलेगी।

ऐसे कम करता है तनाव

मानसिक स्वास्थ्य के लिए शंकर श्रीनिवासन का सुरक्षित ब्रेन मॉड्यूलेशन वियरेबल डिवाइस एफडीए की फ्रीक्वेंसी, इंटेंसिटी और पल्स रिपीटिशन पीरियड की सीमा के भीतर ब्रेन में मूड सेंटर्स तक वेव्स को ट्रांसमिट करता है। तनाव के कारण हाई ब्लडप्रेशर, हाईपरटेंशन और कई अन्य समस्याओं पर विचार करते हुए शंकर ने तनाव को कम करने के लिए एक इनोवेशन पर काम करने का फैसला किया है। अपने इनोवेशन के लिए वह लगातार प्रतिष्ठित डॉक्टरों, बायोमेडिकल इंजीनियरों, न्यूरोसाइंटिस्ट और विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ अपने आइडिया को क्रॉस चेक कर रहे हैं। 'स्पुतनिक ब्रेन' शंकर श्रीनिवासन एक वियरेबल डिवाइस पर काम कर रहे हैं जो सुरक्षित ब्रेन मॉड्यूलेशन के माध्यम से तनाव को कम करने में मदद करेगा। वह घातक तनाव की वैश्विक समस्या से निपटना चाहते हैं और रासायनिक और प्रतिकूल-प्रभाव मुक्त तकनीक की आवश्यकता को हल करना चाहते हैं।

अल्जाइमर रोगियों के लिए स्मार्ट रिस्टबैंड विकसित किया

हैदराबाद के 'अल्फा मॉनिटर' के 16 वर्षीय हेमेश चडालवाड़ा ने अल्जाइमर रोगियों की निगरानी करने और उनके व्यवहार में बदलाव के बारे में उनकी देखभाल करने वालों को सतर्क करने के लिए एक स्मार्ट रिस्टबैंड विकसित किया है। टॉप तीन विजेता टीमों के चयन में एंटरप्रेन्योर और मेंटर अंकुर वारिकू, एफआईटीटी, आईआईटी दिल्ली के निदेशक डॉ. अनिल वली, आईआईटी दिल्ली में प्रोफेसर डॉ. अर्चना चुघ और सैमसंग आरएंडडी इंस्टीट्यूट-बैंगलोर के प्रबंध निदेशक दीपेश शाह शामिल थे।

एक करोड़ का ग्रांट मिला

इस नेशनल एजुकेशन एंड इनोवेशन कॉम्पिटिशन का उद्देश्य देश भर के युवाओं को वास्तविक जीवन के मुद्दों को इनोवेटिव आइडियाज के साथ हल करने और बदलाव लाने में मदद करना है। टॉप तीन विजेता टीमों - स्पुतनिक ब्रेन, उड़ान और अल्फा मॉनिटर को अपने प्रोटोटाइप को और बेहतर बनाने के लिए 1 करोड़ रुपए की ग्रांट प्राप्त हुई है। इन विजेताओं को आईआईटी दिल्ली के फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की ओर से प्रोटोटाइप्स को बेहतर बनाने और अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेज को वास्तविक दुनिया के उपभोक्ताओं तक ले जाने के लिए 6 महीने का इन्क्यूबेशन दिया गया है। टीम के प्रत्येक सदस्य को एक सैमसंग गैलेक्सी बुक2 प्रो 360 लैपटॉप और सैमसंग गैलेक्सी बड्स2 मिला है। विजेता टीमों को उनके संबंधित स्कूल या कॉलेज के लिए 85 इंच का सैमसंग फ्लिप इंटरैक्टिव डिजिटल बोर्ड भी मिलेगा।

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