
नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने आज गुरुवार को कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन एक काल्पनिक लड़ाई लड़ रहे हैं जिसका जमीनी हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है। वह अपने शासन की कमजोरियों को छिपाने के लिए त्रिभाषा नीति का विरोध कर रहे हैं।
"इसमें हिंदी कहां से आई?"
इंडिया टीवी के स्पीड न्यूज एजुकेशन कॉन्क्लेव में एंकर सौरभ शर्मा ने शिक्षा मंत्री से पूछा था कि स्टालिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विरोध में भाषा युद्ध छेड़ने की धमकी दे रहे हैं। इस पर धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "राष्ट्रीय शिक्षा नीति की पहली शर्त ही यही है कि 8वीं कक्षा तक छात्रों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाया जाएगा। इसमें हिंदी कहां से आई? स्टालिन एक लाइन कहीं दिखा दें कि NEP-2020 में किसी एक भाषा को दूसरे पर थोपने का कोई प्रावधान है। स्टालिन एक काल्पनिक लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसका जमीनी हकीकत से कोई संबंध नहीं है। उनको अपने गवर्नेंस पर कोई भरोसा नहीं है, लोगों को आने वाले चुनावों में उत्तर न देना पड़े, इसलिए एक अलग मुद्दा लेकर जाना चाहते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। तमिलनाडु में 8वीं तक तमिल में ही पढ़ाई होगी।"
"बहुभाषी होने से स्टालिन जी को आपत्ति किस बात की है?"
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "स्टालिन जी की राजनीतिक मजबूरी है, लेकिन वह जमीनी हकीकत से जुड़ा हुआ नहीं है। मेरी IIT Kharagpur की एक छात्रा से मुलाकात हुई, वह अन्ना नगर से आई थी। वह साफ हिंदी बोल रही थी। जब मैंने उससे पूछा, तो छात्रा ने कहा कि वह उद्यमी बनना चाहती है और अपने उत्पाद को राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाना चाहती है, इसलिए वह केवल हिंदी नहीं, दूसरी भाषाएं भी सीख रही हैं। तमिलनाडु की नई पीढ़ी के बहुभाषी होने से स्टालिन जी को आपत्ति किस बात की है?"
शिक्षा मंत्री ने कहा कि आजादी के 78 साल में किसी भी प्रधानमंत्री ने तमिल भाषा के लिए उतना नहीं किया, जितना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। उन्होंने सिंगापुर में तिरुवल्लुवर सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किया और दुनिया के कई नामी विश्वविद्यालयों में तमिल भाषा में चेयर स्थापित किए।
"NEP2020 के पांच साल वैसे भी बीत चुके हें"
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, "NEP2020 के पांच साल वैसे भी बीत चुके हें। पहले दो साल में कोविड महामारी के कारण रुकावट आई। अभी अगले पांच साल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरे दमखम के साथ लागू किया जाएगा। वैसे भी आज की दुनिया में टेक्नोलॉजी जो एक जमाने में 20 साल, 15 साल, 10 साल तक चलती थी, अब 6 महीने भी नहीं चलती, तेजी से टेक्नोलॉजी बदल रही है।"
"STEM में हमारी छात्राएं दूसरे देशों से बहुत आगे हैं"
शिक्षा मंत्री ने कहा, "STEM (Science, Technology, Engineering, Mathematics) में हमारी छात्राएं दूसरे देशों से बहुत आगे हैं। इसके साथ ही भारत में ethical living और social fabric का अलग योगदान है। NEP निरंतर बदलने वाली दुनिया में गेमचेंजर साबित होगी।" धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि छठी कक्षा से skill education सिखाई जाएगी। छठी से 8वीं कक्षाओं तक orientation, 9वीं और 10वीं कक्षा में aptitude और 11वीं और 12वीं कक्षा में specialization पर फोकस किया जाएगा।
इंडिया टीवी के साथ शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधआन का पूरा इंटरव्यू आप इस लिंक पर देख सकते हैं।