नई दिल्ली: इंडिया टीवी स्पीड न्यूज एजुकेशन कॉन्क्लेव शुरू हो चुका है। इस कॉन्क्लेव में देश की शिक्षा से जुड़े कई मुद्दों पर बात की जा रही है। इसी में से एक मुद्दा है बेरोजगारी। कॉन्क्लेव में बेराजागारी के मुद्दे पर डॉ. अनिल सहस्रबुद्धे( अध्यक्ष, NETF) चर्चा कर रहे हैं।
स्किल्स को लेकर एक सवाल का जवाब देते हुए डॉ. अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा कि पहले स्किल के बारे में लोग जानते नहीं थे। 6ठीं क्लास से ही स्किल डेवलेपमेंट होनी चाहिए। 9वीं से 12वीं तक के छात्रों की दो स्किल्स में अच्छी पढ़ाई लिखाई होनी चाहिए।
डॉ. अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा, "लोगों का एटीट्यूड चेंज होना चाहिए। केवल व्डाइट कॉलर जॉब्स के पीछे नहीं भागने, बाकी भी जॉब्स हैं जिसमें स्किल की जरूरत हैं। कम्यूनिकेशन स्किल भी बेहद जरूरी। स्कूलों में स्किल्स सेट नहीं बताएंगे तो एम्प्लॉयबिलिटी थोड़ी कम रहेगी। उन्होंने कहा कि भारत सही दिशा में एम्प्लॉयबल देश बनेगा। अटल टिंकरिंगी लैब्स 10 हजार स्कूलों में चल रही हैं।"
'एक अलग माहौल देश में तैयार हो रहा है'
डॉ. अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा, "बहुत सारे युवा स्टार्टअप की दुनिया में आ रहे हैं। 10 साल पहले हमारे देश में 400 रजिस्टर्ड स्टार्टअप थे और अब 1 लाख 40 हजार के ऊपर हैं। एक अलग माहौल देश में तैयार हो रहा है। विश्व में हम थर्ड लारजेस्ट स्टार्टअप इकोसिस्टम।"
उन्होंने कहा कि आज डिजिटल माध्यम से कहीं पर भी घर में बैठकर बहुत सारे स्किल्स सीख सकते हैं।
'APAAR आईडी एजुकेशन का आधार कार्ड'
डॉ. अनिल ने कहा कि एथिक्स, कल्चर, आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता, ये सब चीजों को जब स्कूलों से पढाना शुरू करेंगे तो लोगों के आचार विचार सब बदल जाएंगे। उन्होंने कहा कि APAAR आईडी एजुकेशन का आधार कार्ड, यूपीआई मूवमेंट इन एजुकेशन है। ये एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स से जुड़ा हुआ है।
इसके पहले सेशन में अनिल कुमार, प्रिंसिपल डीपीएस आरके पुरम, अपराजिता गौतम पैरेंट एसोसिएशन प्रमुख, दिल्ली एनसीआर और डॉ उषा राम चर्चा कर की। दिन भर चलने वाले इस एजुकेशन कॉन्क्लेव में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मुख्य अतिथि होंगे। उनके अलावा पॉलिसी मेकर्स, शिक्षाविद, देश की टॉप यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर्स, यूजीसी, एआईसीटीई, एनटीए, एनसीईआरटी, आईआईटी और आईआईएम के अधिकारी शामिल होंगे।