
नई दिल्ली: इंडिया टीवी स्पीड न्यूज ने गुरुवार 27 फरवरी को अपना एजुकेशन कॉन्क्लेव आयोजित किया। इस कार्यक्रम में नीति निर्माता और शिक्षाविद, शीर्ष विश्वविद्यालयों के कुलपति और यूजीसी, एआईसीटीई, एनटीए, एनसीईआरटी, आईआईटी और आईआईएम के अधिकारी समेत कई पैनलिस्ट शामिल हुए। इस खास शो के दौरान जाने-माने पैनलिस्ट्स ने भारत में शिक्षा प्रणाली के भविष्य पर अपने विचार साझा किए।
शिक्षा क्षेत्र से जुड़े कई ज्वलंत मुद्दों पर हुई बातचीत
इंडिया टीवी स्पीड न्यूज एजुकेशन कॉन्क्लेव में स्कूलों में एडमिशन रेस से लेकर शैक्षणिक संस्थानों के विकसित होते इंफ्रास्ट्रक्चर तक पर बात हुई। इस दौरान विभिन्न शिक्षाविदों और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने शिक्षा के क्षेत्र में पेश आने वाली चुनौतियों, और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं को देने की प्रतिबद्धता पर भी बात की। पैनलिस्ट्स ने इस बात पर चिंता भी जताई कि भारत में 1100 से ज्यादा विश्वविद्यालय और हजारों कॉलेज हैं, फिर भी यह ग्लोबल रैंकिंग में ऊंचा स्थान हासिल नहीं कर पाते। बातचीत के दौरान विशेषज्ञों ने उन उपायों पर भी चर्चा की जिनसे हमारे शैक्षणिक संस्थान ग्लोबल रैंकिंग में अपनी अच्छी जगह बना सकें।
शिक्षा मंत्री ने नई एजुकेशन पॉलिसी पर की बात
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इंडिया टीवी स्पीड न्यूज एजुकेशन कॉन्क्लेव में बताया कि नई एजुकेशन पॉलिसी से क्या लाभ होंगे। प्रधान ने कहा, 'गले पांच साल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को पूरे दमखम के साथ लागू किया जाएगा। वैसे भी आज की दुनिया में टेक्नोलॉजी जो एक जमाने में 20 साल, 15 साल, 10 साल तक चलती थी, अब 6 महीने भी नहीं चलती, तेजी से टेक्नोलॉजी बदल रही है।' उन्होंने कहा कि छठी कक्षा से skill education सिखाई जाएगी। शिक्षा मंत्री ने कहा कि छठी से 8वीं कक्षाओं तक orientation, 9वीं और 10वीं कक्षा में aptitude और 11वीं और 12वीं कक्षा में specialization पर फोकस किया जाएगा।
यहां देखें इंडिया टीवी स्पीड न्यूज एजुकेशन कॉन्क्लेव में दिन भर क्या-क्या हुआ