Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. एजुकेशन
  3. INDIA TV Exclusive: पेपर लीक क्यों बन गई है देश की बड़ी समस्या? यहां समझिए पूरा गणित

INDIA TV Exclusive: पेपर लीक क्यों बन गई है देश की बड़ी समस्या? यहां समझिए पूरा गणित

सरकारें नौकरियों को लेकर बड़े बड़े इंतजान करने का दावा करती है पर वो वादे नकलमाफिया के आगे घुटने टेक देती है। पेपरलीक की समस्या काफी बड़ी है इसे लेकर हमने रिसर्च की, जिसे जान आप भी हैरान रह जाएंगे।

Edited By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Updated on: February 11, 2023 18:35 IST
Paper Leak- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV पेपरलीक देश की काफी बड़ी समस्या बन गई है।

Exculsive: पेपर लीक होने से छात्र तो निराश होते ही है साथ ही उनके परिजन भी दुखी होते है। सरकार नौकरी के बड़ेृ-बड़े वादे भी करती है, लेकिन जब बात आती है नकलविहीन परीक्षा कराने की तो वह नाकाम साबित होती है। नकल माफिया अपने जुगाड़ या पहुंच से सरकार के गढ़ में सेंध कर ही लेते हैं। पेपरलीक कैसे होते है क्या है इसके पीछे का गणित इसे लेकर इंडिया टीवी की टीम ने रिसर्च की। इस रिसर्च के कुछ फैक्ट्स हम आपको यहां बता रहे हैं।

सरकारी नौकरी में सक्सेस रेट 0 .2 %

देखा गया है कि सरकारी नौकरी में सक्सेस रेट 0 .2 % है मतलब कि सरकारी नौकरी में फेल रेट 99.8 % है। कमाल की बात ये है कि इसके बावजूद देश में खाली सरकारी पद 60 लाख हैं। बात सिर्फ केन्द्र सरकार के करें तो केंद्र में 9.79 लाख पद खाली हैं। आकंड़ों के मुताबिक, वर्ष 2014-22 के बीच में केन्द्र सरकार की नौकरियों के लिए 22.05 करोड़ आवेदन हुए जबकि केवल,7.22 लाख लोगों को नौकरी मिली। सरकार का दावा है कि उसकी उद्योग में PLI स्कीम में 60 लाख रोजगार देने की क्षमता है।

नौकरी कम लोग ज्यादा

नौकरी कम लोग ज्यादा है इसे ऐसे समझें कि रेलवे की 1 लाख नौकरी के लिए 2 करोड़ 30 लाख आवेदन हुए और मुंबई में 1,137 पद के लिए 2 लाख आवेदन हुए वहीं यूपी में क्लर्क की 368 पोस्ट के लिए 23 लाख आवेदन हुए। जबकि आर्थिक विकास और नौकरी के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। इकॉनामी ग्रोथ और रोजगार की दर का अनुपात सिर्फ 0.01% है।

1 सरकारी नौकरी के लिए औसतन 75 दावेदार

हमने अपने रिसर्च में पाया कि 1 सरकारी नौकरी के लिए औसत दावेदार 75 हैं। UPSC यानि यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन में 1 पद के लिए दावेदार 900 तक हो जाते हैं। देश में नौकरी पाना कितना कठिन है इसे इस बात से समझिए कि देश में नौकरी की तैयारी करने वाले हर छात्र को औसत 3 साल 3 महीने तैयारी करनी पड़ती है। प्रतिवर्ष नौकरी की परीक्षा देने वाले कंडीडेट की संख्या का औसत 3 करोड़ है। नौकरी की तैयारी में प्रति छात्र सालाना खर्च- ₹3.50 लाख रुपए आता है।

Latest Education News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें एजुकेशन सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement