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Independence Day 2023: पहली बार कब और किसने गाया था 'जन गण मन', क्या हैं राष्ट्रगान में 20 व 52 सेकंड के नियम?

देश इस बार 77वां स्वतंत्रता दिवस मानने जा रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस पर स्कूलों व अन्य सरकारी, प्राइवेट ऑफिसों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान कार्यक्रम से पहले राष्ट्रगान गाया जाएगा। क्या आपको पता है कि जन गण मन किसने गाया था?

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published on: August 09, 2023 18:19 IST
Independence Day 2023 - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Independence Day 2023

Independence Day 2023: स्वंतत्रता दिवस हमारे लिए बेहद खास दिन है। इस साल हम देश की आजादी का 77वां स्वंतत्रता दिवस मना रहे हैं। इस दिन स्कूल से लेकर विभिन्न सरकारी गैर-सरकारी कार्यालयों में कई कार्यक्रमों का आयोजन होगा। इस दौरान सभी जगह राष्ट्रगान 'जन गण मन' गाया जाएगा। जानकारी दे दें कि जब भी ये गीत बजता है, तो हर भारतीय इसके सम्मान में तुरंत खड़ा हो जाता है। गाना बजते ही लोगों के दिल में देशभक्ति के जज़्बात पैदा होने लगते हैं। बता दें कि पहली बार देश का राष्ट्रगान 27 दिसंबर, 1911 में कोलकाता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में गाया गया था। राष्ट्रगान के रचयिता राष्ट्रकवि रवींद्रनाथ टैगोर थे।

किसने गाया था सबसे पहले?

राष्ट्रगान को सबसे पहले रवींद्रनाथ टैगोर की भांजी सरला ने गाया था। उन्होंने स्कूल के बच्चों के साथ राष्ट्रगान को बंगाली और हिंदी में गाया था। रवींद्रनाथ टैगोर ने पहले राष्ट्रगान को बंगाली भाषा में लिखा था। फिर नेताजी सुभाषचंद्र बोस के कहने पर आबिद अली ने इसको हिंदी और उर्दू में अनुवाद किया। इसके बाद इसे अंग्रेजी भाषा में भी अनुवाद किया गया। देश का राष्ट्रगान सबसे पहले आजाद हिंद की सेना ने अपनाया था। साल 1947 में देश के आजाद होने के बाद 24 जनवरी, 1950 में संविधान सभा ने 'जन गण मन' को भारत का राष्ट्रगान घोषित कर दिया और तभी से ये हमारे देश की शान बढ़ा रहा है।

बोल और धुन किसने तैयार की?

संयुक्त राष्ट्र महासभा में साल 1947 में भारतीय प्रतिनिधिमंडल से इस राष्ट्रगान को लेकर जानकारी मांगी गई। तब जन गण मन की रिकॉर्डिंग कॉपी सौंपी गई। जानकारी के लिए बता दें कि आज का राष्ट्रगान रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखी गई एक कविता से लिया गया है। ये कविता 1911 में लिखी गई थी। इस कविता में 5 पद थे, पर इसके पहले पद को ही राष्ट्रगान के तौर पर लिया गया। रवींद्रनाथ ने साल 1919 में ये गीत पहली बार आंध्र प्रदेश के बेसेंट थियोसोफिकल कॉलेज में गाया गया था, तभी कॉलेज प्रशासन ने भी इस गीत को सवेरे की प्रार्थना में शामिल कर लिया। राष्ट्रगान के बोल और धुन खुद रवींद्रनाथ टैगोर ने आंध्र प्रदेश के मदनपल्ली में तैयार किए थे।

52 और 20 सेकंड का नियम

हमें राष्ट्रगान को गाने में 52 सेकेंड का समय लगता है। वहीं इसकी पहली और आखिरी पंक्ति को गाने में 20 सेकेंड का समय लगता है। इसे लेकर सरकार की तरफ से कुछ नियम भी बनाए गए हैं, जिनका पालन करना सभी के लिए समान रूप से अनिवार्य है। 

राष्ट्रगान बजाने के नियम

1. राष्ट्रगान जब गाया या बजाया जा रहा हो तब हमेशा सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाना चाहिए।

2. राष्ट्रगान का उच्चारण सही होना चाहिए और इसे 52 सेकेंड में ही गाया जाना चाहिए। वहीं संक्षिप्त रूप को 20 सेकेंड में गाया जाना चाहिए।

3. राष्ट्रगान जब गाया जा रहा हो तब किसी भी व्यक्ति को परेशान नहीं करना चाहिए। उस समय अशांति, शोर-गुल या अन्य गानों और संगीत की आवाज नहीं होनी चाहिए।

4. एकेडमिक संस्थानों में राष्ट्रगान होने के बाद दिन की शुरुआत करनी चाहिए।

5. राष्ट्रगान के लिए कभी अशोभनीय शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

अगर कोई शख्स इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। अगर कोई राष्ट्रगान के नियमों का पालन नहीं करता है और इसका अपमान करता है, तो उसके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट 1971 की धारा 3 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। 

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