2020 की शुरुआत से कहर बरपा रही कोरोना महामारी दुनिया भर में लोगों को गंभीर आर्थिक संकट में भी धकेल रही है। इस महासंकट की वजह छोटे बड़े कारोबार प्रभावित हो रहे हैं। वहीं बड़ी संख्या में लोगों की नौकरियां छूट रही हैं। इस बीच संयुक्त राष्ट्र की संस्था इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (ILO) ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें नौकरियों से जुड़े भयावह आंकड़े पेश किए गए हैं। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में कोरोना महामारी के कारण 50 करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हुए हैं। ILO ने यह अनुमान काम के घंटे में आई कमी के आधार पर लगाया है।
चौंकाने वाली बात यह है कि ILO ने नौकरी जाने के इन आंकड़ों को अनुमान से कही अधिक बताया है। ILO ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि कोरोना की वजह से रोजगार के मोर्चे पर जितना आकलन किया गया था, उससे कहीं अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक गतिविधियां धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही हैं, ऐसे में इस साल के अंत तक सुधार की गुंजाइश भी कम है।
ILO के अध्यक्ष गाई राइडर का कहना है कि लेबर मार्केट को हुआ यह नुकसान भीषण है। वैश्विक स्तर पर लेबर इनकम में 10.7% की कमी आई है। यही नहीं, ILO ने आशंका जताई है कि अगर कोरोना वायरस का सेकेंड वेव आता है तो स्थिति और बिगड़ जाएगी।
रिपोर्ट में बताया गया है कि 50 करोड़ से अधिक बेरोजगारी के आंकड़ों का अनुमान काम के घंटे में आई कमी के आधार पर लगाया है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में वित्त वर्ष 2019-20 की तुलना में इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में काम के घंटे में 17 फीसदी की गिरावट आई है, जो 50 करोड़ लोगों की नौकरियां जाने के बराबर है