नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने मंगलवार को अभिनव उपलब्धियों पर उच्च शिक्षण संस्थानों की रैंकिंग (एआरआईआईए) 2020 की वर्चुअल घोषणा की। उपराष्ट्रपति द्वारा घोषित की गई इस रैंकिंग में भी आईआईटी मद्रास में शीर्ष स्थान हासिल किया है। इस वर्ष एआरआईआई, घोषणा में दो विस्तृत श्रेणियों और छह उप श्रेणियों में संस्थानों का वर्गीकरण किया गया था। इनमें से आईआईटी मद्रास ने राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों, केंद्रीय विश्वविद्यालयों और केंद्र द्वारा वित्तपोषित तकनीकी संस्थानों की श्रेणी में शीर्ष स्थान हासिल किया।
इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, मुंबई को सरकार और सरकारी सहायता प्राप्त विश्वविद्यालयों के तहत शीर्ष स्थान मिला। सरकार और सरकारी सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के अंतर्गत इंजीनियरिंग कॉलेज, पुणे, कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी, निजी या स्व-वित्तपोषित विश्वविद्यालयों के तहत भुवनेश्वर और निजी या स्व-वित्तपोषित कॉलेजों के तहत वारंगल को क्रमश शीर्ष पदों पर घोषित किया गया।
उपराष्ट्रपति ने अनुसंधानकर्ताओं और वैज्ञानिकों से कृषि पर अधिक ध्यान देने और किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए नवाचारों के साथ आगे आने का आह्वान किया।इस अवसर पर उन्होंने ने कहा, नवप्रवर्तकों और अनुसंधानकर्ताओं का मुख्य ध्यान किसानों को विभिन्न मुद्दों के बारे में समय पर जानकारी प्रदान करने से लेकर कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं बनाने और नई प्रोद्योगिकी की आपूर्ति होना चाहिए।
उन्होंने बिचौलियों द्वारा किसानों का शोषण रोकने और उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, किसानों के लिए नई नवाचार और प्रौद्योगिकी लाने के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए।भारतीय नवाचार और स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को चलाने के लिए भारत की उच्च शिक्षा प्रणाली को सक्षम और शक्ति गुणक बनाने की भूमिका निभाने पर जोर देते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा, नवाचार शिक्षा की धड़कन बनना चाहिए। उत्कृष्टता को खोजना प्रतिमान बनना चाहिए।
इस अवसर पर, केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा, रैंकिंग हमारे पूर्व प्रधानमंत्री, अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम पर है। उनके नेतृत्व में, भारत ने नवाचार के क्षेत्र में अनेक छलांगें लगाईं। इसके अलावा, भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ²ष्टिकोण को साकार करते हुए, यह रैंकिंग उनकी आकांक्षाओं का एक सच्चा प्रतिबिंब है और राष्ट्र के लिए उनकी संकल्?पना और सपनों को एक श्रद्धांजलि है।