इंडियन इस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मद्रास को अमेरिका बेस्ड बिजनेसमैन डॉ. कृष्णा चिवुकुला से 228 करोड़ रुपये का फंड दिया है। संस्थान के निदेशक वी. कामकोटी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह आईआईटी मद्रास द्वारा मिले सबसे बड़े दान में से एक माना जा रहा है। संस्थान इस धन का इस्तेमाल विभिन्न पहलों के लिए करेगा।
228 करोड़ रुपये का दान
कामकोटि ने आगे कहा, "लगभग 53 सालों के बाद, हमारे एक पूर्व छात्र डॉ. कृष्णा चिवुकुला आईआईटी-मद्रास को 228 करोड़ रुपये का दान देने आए हैं। उन्होंने 1970 के दशक में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक की पढ़ाई की थी और ऐसी कंपनियां स्थापित कीं जो हवाई जहाजों के लिए कलपुर्जे बनाती हैं।" चिवुकुला से मिले धनराशि के बारे में उन्होंने कहा, "यह आईआईटी मद्रास को उसके इतिहास में मिली सबसे बड़ी फंड में से एक है।"
2023-24 के दौरान 513 करोड़ रुपये
आईआईटी मद्रास के अधिकारियों ने बताया कि संस्थान ने 2023-24 के दौरान 513 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो पिछले फाइनेंशियल ईयर से 135 प्रतिशत अधिक है। साल 2023-24 के दौरान अकेले पूर्व छात्रों के माध्यम से जुटाई गई कुल राशि 367 करोड़ रुपये थी, जो पिछले साल की तुलना में 282 प्रतिशत अधिक है।
चिवुकुला के योगदान को देखते हुए, आईआईटी मद्रास ने परिसर के अड्यार में कृष्णा चिवुकुला ब्लॉक बनाया है। 2015 में, आईआईटी मद्रास ने "विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार" प्रदान करके चिवुकुला की पेशेवर उत्कृष्टता और योगदान को मान्यता दी।
कौन है चिवुकुला?
बता दें कि चिवुकुला ने कक्षा 8 तक तेलुगु माध्यम के स्कूल में पढ़ाई की, इसके बाद आईआईटी मद्रास से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक किया और बाद में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स किया। इसके बाद चिवुकुला ने अमेरिका में अपनी कंपनी इंडो-यूएस एमआईएम (मेटल इंजेक्शन मोल्डिंग) की स्थापना की थी, जिसका प्रोजेक्ट रेवेन्यू 1,000 करोड़ रुपये था। वहीं, चिवुकुला की दूसरी कंपनी शिवा टेक्नोलॉजीज इंक है, जो एडवांस मास स्पेक्ट्रोस्कोपी में एक्सपर्टीज रखती है।
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