नई दिल्ली। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली, आईआईटी दिल्ली आज ऑनलाइन हीरक जयंती वर्ष मना रहा है। इस कार्यक्रम को मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ। रमेश पोखरियाल ने संबोधित किया और उन्होंने COVID19 के खिलाफ लड़ाई के प्रयासों के लिए संस्थान की प्रशंसा की। भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज मुख्य अतिथि के रूप में समारोह का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि आईआईटी दिल्ली ने पूरी दुनिया में अपनी पहचान बनाई है और प्रसिद्ध कई वैज्ञानिक अनुसंधानकर्ता और शिक्षक भी पैदा किए हैं। इसके अलावा कई पद्म पुरस्कार विजेता और फेलो भी यहां से निकले हैं। आईआईटी दिल्ली नवाचार और उद्यमशीलता का लीडर बंद कर उभरा है।
नायडू ने यह भी कहा कि आईआईटी दिल्ली ने कोरोना संकट के दौरान सबसे सस्ता जांच की वेंटिलेटर पीपी सैनिटाइजर आदि बनाकर उसने विशेष योगदान दिया है उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज देश में शोध अनुसंधान तथा नवाचार की सबसे अधिक जरूरत है क्योंकि शैक्षिक संस्थानों का दायित्व बनता है कि वह समाज को कुछ दें और लोगों की समस्याओं का हल निकाले तथा उनका जीवन खुशहाल बनाएं। इसके लिए जरूरी है कि हमारे देश के उद्योग जगत आगे आए और शोध अनुसंधान क्षेत्र में काम करें और धन मुहैया कराएं।
नायडू ने फिक्की सीआईआई और एसोचैम से भी अनुरोध किया कि वह इस कार्य में हाथ बढ़ाएं और एकेडमिक जगत से साझेदारी करें। इससे पहले केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि आईआईटी दिल्ली देश के ही शीर्ष शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग में नहीं बल्कि वह एक ब्रांड भी बन गया है । इतना ही नहीं आईटी दिल आईटी अब तक तीन करोड़ लोगों को रोजगार भी दिया है और 19000000 अमेरिकी डॉलर का निवेश भी किया है।
यहां 54 प्रतिशत पीएचडी और स्नातकोत्तर छात्र हैं तथा कोविड-19 करीब 40 लाख बीपी किट की आपूर्ति की है। कोरोना की सबसे सस्ती जांच किट भी बनाई है वेंटीलेटर भी बनाए हैं। समारोह के आरम्भ में निदेशक रामगोपाल राव ने आई आई टी की विकास यात्रा का विस्तृत विवरण दिया। इस मौके पर आई आई टी की हीरक जयंती के लोगो का विमोचन किया गया और स्ट्रेटजी रिपोर्ट का लोकार्पण भी हुआ।