मुंबई। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) की भूतपूर्व छात्र परिषद छह शोध केंद्रों की स्थापना करेगी। इन केंद्रों में छह अत्याधुनिक क्षेत्रों में शोध तरीके विकसित करने और आधुनिक उपकरण बनाने का काम होगा, जो उसकी ‘मेगा इंक्यूबेटर’ पहल में पंजीकृत स्टार्टअप के लिए उपलब्ध होंगे। परिषद मुंबई में दुनिया की सबसे बड़ी कोविड-19 परीक्षण प्रयोगशाला बना रही है। इसे ‘मेगालैब’ का नाम दिया गया है। इस प्रयोगशाला के सितंबर अंत तक बनकर पूरा होने की उम्मीद है। उसके बाद यह प्रयोगशाला तपेदिक और अन्य संक्रामक बीमारियों के साथ-साथ कोविड-19 के हर माह एक करोड़ से अधिक परीक्षण करने में सक्षम होगी।
परिषद ने एक बयान में कहा कि प्रस्तावित शोध केंद्र इंजीनियर्ड जैवअणु (बायो मॉलीक्यूल्स), क्वांटम प्रौद्योगिकी, परमाणु विज्ञान, इमेजिंग आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, वित्त प्रौद्योगिकी और ड्रोन समेत इलेक्ट्रिक परिवहन क्षेत्र में काम करेंगे। परिषद में शामिल हर क्षेत्र के विशेषज्ञ और उद्यम पूंजी निवेशक स्टार्टअप को वाणिज्यिक लक्ष्यों को पाने के लिए परामर्श और सहायता देंगे। इंजीनियर्ड जैवअणु शोध केंद्र मुंबई विश्विविद्यालय के कालिना परिसर में स्थापित की जाएगी। वहीं क्वांटम प्रौद्योगिकी शोध केंद्र दिल्ली-एनसीआर में होगा। वित्त प्रौद्योगिकी शोध केंद्र को दक्षिण मुंबई में बीएसई इंस्टीट्यूट में स्थापित किया जाएगा।