
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने सीए फाइनल मई 2025 के उम्मीदवारों के लिए पेपरों में स्थाई छूट के संबंध में दिशानिर्देश जारी किए हैं। इस संबंध में एक आघिकारिक नोटिस जारी किया गया है। कैंडिडेट्स नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से आईसीएआई द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस को पढ़ सकते हैं।
- आईसीएआई द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, जिन उम्मीदवारों ने मई 2023 की परीक्षा में छूट हासिल की थी और नवंबर 2024 की परीक्षा तक इसकी वैधता थी, उनके पास अब नवंबर 2024 के परिणाम घोषित होने के बाद छूट को स्थायी बनाने का विकल्प होगा।
- आईसीएआई के अनुसार, उम्मीदवारों को छूट को स्थायी बनाने का केवल एक बार मौका मिलेगा। यदि कोई उम्मीदवार ऐसा करने में विफल रहता है, तो उसकी छूट हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगी)।
- अगर किसी उम्मीदवार को एक ही समूह के दो पेपर में छूट मिली हुई है, उदाहरण के लिए, इस विंडो में पेश किए जाने वाले ग्रुप-1 के पेपर 1 और 2, तो उसे या तो दोनों छूट (यानी ग्रुप-1 में पेपर-1 और पेपर-2) को स्थायी बनाने के लिए आवेदन करना होगा या दोनों छूटों को समाप्त होने देना होगा। आईसीएआई ने कहा कि वह एक पेपर में छूट जारी रखने और दूसरे पेपर में इसे समाप्त होने देने का विकल्प नहीं चुन सकता है।
- किसी भी समूह के लिए छूट को स्थायी बनाते समय, अभ्यर्थी को उस समूह के शेष प्रत्येक पेपर में कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ संबंधित समूह में उत्तीर्ण होना होगा।
- इनपुट लेने के बाद कोई सुधार या विलंब शुल्क नहीं लगेगा।
- अभ्यर्थियों के पास स्थायी रूप से छूट प्राप्त पेपर को छोड़ने तथा पुनः परीक्षा देने का विकल्प होगा।
- मई 2022, नवंबर 2022, मई 2023 या नवंबर 2023 की परीक्षा में फाइनल के पेपर-4 में छूट प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को स्व-गति मॉड्यूल SET-A में उपस्थित होने से स्वचालित रूप से स्थायी छूट मिल जाएगी और उन्हें आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी।
- मई 2022, नवंबर 2022, मई 2023 या नवंबर 2023 की परीक्षा में फाइनल के पेपर-5 में छूट प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों को भी स्व-गति मॉड्यूल SET-B में उपस्थित होने से स्वचालित रूप से स्थायी छूट मिल जाएगी और उन्हें आवेदन करने की आवश्यकता नहीं होगी।
- यदि किसी समूह में स्थाई छूट (50PE) है, तो उस समूह में कोई नई छूट नहीं दी जाएगी।
- यदि कोई अभ्यर्थी छूट समाप्त होने के बाद उसे स्थायी बनाना चाहता है, तो छूट प्राप्त अंक 50 तक सीमित होंगे और स्थायी छूट प्राप्त पेपर के अतिरिक्त अंकों को उसी या अन्य समूह के 50% कुल अंकों की आवश्यकता के अनुपालन के लिए नहीं माना जा सकता है।
ये भी पढ़ें-
गैस सिलेंडर पर यूं ही नहीं लिखा होता नंबर कोड, बेहद जरूरी होता है अर्थ