IAS पूजा खेडकर की ट्रेनिंग रोक दी गई है। पूजा को महाराष्ट्र के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग प्रोग्राम (district training program) से बाहर निकाला गया, उन्हें तुरंत वापस मसूरी बुलाया गया है। बता दें कि सिविल सेवा परीक्षा में चयन को लेकर उठे विवाद के बीच मंगलवार को प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी का ट्रेनिंग रद्द कर दिया गया है। खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर विकलांगता प्रमाण पत्र में जालसाजी करने का आरोप है।
पत्र में क्या कहा गया?
महाराष्ट्र सरकार की ओर से पूजा की ट्रेनिंग पर रोक लगाई गई है। महाराष्ट्र सरकार के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी ने पत्र लिख कर ट्रेनी IAS पूजा खेडकर को वाशिम जिले से वापस जाने को कहा है पत्र में कहा गया कि LBSNAA के डिप्टी डायरेक्टर के पत्र के संदर्भ में आपको सूचित किया जाता है कि आपको राज्य के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग प्रोग्राम से निकाल कर अगले आदेश तक आगे की कार्रवाई के लिए वापस LBSNAA, मसूरी ट्रेनिंग अकेडमी भेजा जा रहा है। आपको 23 जुलाई तक किसी भी हाल में LBSNAA में रिपोर्टिंग करनी है।
फर्जी सर्टीफिकेट को लेकर चल रही जांच
बता दें कि IAS पूजा खेडकर के खिलाफ फर्जी सर्टीफिकेट को लेकर जांच की जा रही है। आईएएस पर यह आरोप लगाया गया था कि डॉ. पूजा खेडकर ने अगस्त 2022 में पुणे जिले के पिंपरी के एक अस्पताल से आंशिक 'लोकोमोटर विकलांगता' प्रमाण पत्र हासिल किया। हालांकि महाराष्ट्र पुलिस ने इसे लेकर जांच की बात कही थी।
वहीं, खेडकर ने इससे पहले साल 2018 और 2021 में अहमदनगर जिला सिविल अस्पताल द्वारा प्रदान किए गए दो प्रमाण पत्र यूपीएससी को बेंचमार्क विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूबीडी) श्रेणी के तहत पेश किए थे। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अगस्त 2022 में पुणे के औंध सरकारी अस्पताल से विकलांगता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था, लेकिन मेडिकल टेस्ट के बाद उनका आवेदन खारिज कर दिया गया था।
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