ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को लेकर अब एक और नई बात निकल कर सामने आ रही है। खबर आ रही है कि उन्होंने उम्र को लेकर भी घालमेल किया है। उन्होंने महज 3 साल के अंतर में दो डाक्यूमेंट में अपनी उम्र अलग-अलग बताई है। बीते दिन पूजा के मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर ने दावा किया था कि उन्होंने अपनी शारीरिक विकलांगता को लेकर झूठ बोला। हालांकि आईएएस पूजा ने अभी इन दावों को लेकर कुछ भी नहीं कहा है।
डाक्यूमेंट में सच आया सामने
गौरतलब है कि ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को लेकर अब एक और नया डॉक्यूमेंट सामने आया है जिसमें उन्होंने साल 2020 में सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिब्यूनल को एक एप्लीकेशन दिया था, जिसमें उनकी उम्र 30 साल और साल 2023 में इस प्रकार के डॉक्यूमेंट में उनकी उम्र 31 साल दिखाई दे रही है। इसके अलावा पूजा ने अपने नाम के आगे 2020 के डॉक्यूमेंट में डॉक्टर लिखा है और 2023 के डॉक्यूमेंट में डॉक्टर नहीं लिखा है। अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या दिसंबर 2020 से लेकर फरवरी 2023 तक उनकी उम्र में 1 साल ही बढ़ी।
मेडिकल कॉलेज में जमा किए थे ये डाक्यूमेंट
बता दें कि बीते दिन भी काशीबाई नवले मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस, एमडी (माइक्रोबायोलॉजी) डॉ. अरविंद वी. भोरे ने दावा किया था कि IAS अधिकारी डॉ.पूजा खेडकर ने 2007 में मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए ओबीसी सर्टिफिकेट जमा किया था। इसमें उन्होंने ओबीसी खानाबदोश जनजाति-3 कैटेगरी के तहत एडमिशन लिया था, जो वंजारी समुदाय के लिए रिजर्व है। जिसमें पता लगा है कि एमबीबीएस में एडमिशन लेते समय उनके मेडिकल सर्टिफिकेट में उनके फिजिकल डिसेबिलिटी को लेकर कोई जिक्र नहीं है। साथ ही उन्होंने ओबीसी नॉन-क्रीमी लेयर कोटा का इस्तेमाल करके एमबीबीएस में एडमिशन लिया था, जबकि उनके मां डॉक्टर और पिता सीनियर प्रशासनिक अधिकारी थे।
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