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Human Rights: इन देशों में लोगों की जिंदगी है मौत से भी बदतर! यहां होता है सबसे ज्यादा शोषण

Human Rights: दुनिया में कई लोग मानवाधिकारों के उल्लंघन की परेशानी से जूझ रहे हैं। आज इस खबर के माध्यम से हम आपको दुनिया के किन-किन देशों में मानवाधिकारों का उल्लंघन चरम पर है, जहां लोगों जिंदगी खौफ के साए में बीत रही है।

Written By: Akash Mishra @Akash25100607
Published on: February 03, 2023 13:53 IST
सांकेतिक फोटो- India TV Hindi
Image Source : PEXELS सांकेतिक फोटो

Human Rights: ह्यूमन राइट्स यानी मानवाधिकार, ये ऐसे अधिकार होते हैं जो किसी भी शख्स को जंम के साथ ही मिलते हैं। इसको अगर थोड़ा अलग शब्दों में कहा जाए तो शख्स के जीवन, आजादी,  समानता और प्रतिष्ठा का अधिकार ही मानव अधिकार है। आज के समय में बहुत से देशों में मानवाधिकारों का हनन हो रहा है। कई देशों में स्थित बेहद गंभीर बनी हुई है। कई लोग मानवाधिकारों के उल्लंघन की परेशानी से जूझ रहे हैं। वहीं, आज के एडवांस टाइम में बहुत से लोगों को मानवाधिकारों का पता ही नहीं है, जिससे वे इस परेशानी का शिकार हो रहे हैं। आज इस खबर के माध्यम से हम आपको दुनिया के किन-किन देशों में मानवाधिकारों का उल्लंघन चरम पर है, और लोगों जिंदगी खौफ के साए में बीत रही है। साथ ही हम आपको कुछ मानवाधिकारों के बारे में भी जानकारी देंगे।   

दुनिया में कई देश ऐसे हैं जहां मानवाधिकार नाम की कोई चीज वजूद में ही नहीं है। इन देशों में लोगों का जीवन नर्क से भयानक हो चुका या यूं कहें कि मौत से भी बदतर है। स्टेटिस्टा की एक रिपोर्ट के मुताबिक इन देशों में मानवाधिकारों का उल्लंघन चरम पर है। वर्स्ट मानवाधिकारों वाले देशों के नाम आप नीचे दी गई लिस्ट से पढ़ सकते हैं। 

ये हैं वो देश- 

  • मिस्र
  • सीरिया
  • यमन
  • चाइना
  • नॉर्थ कोरिया
  • सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक 
  • बुरुंडी
  • डीआर कॉन्गो
  • म्यानमार
  • लीबिया 

ऊपर बताए गए देशों मे ह्यूमन राइृट्स के उल्लंघन की वजह से लोगों की जिंदगी बेहद खराब है।  

भारत में कब हुआ हृ्यूमन राइट्स कमीशन का गठन?

हमारे देश में मानाधिकारों के संरक्षण के लिए नेशनल हृ्यूमन राइट्स कमीशन का गठन किया गया है। भारतीय संविधान सिर्फ इसका अधिकार ही नहीं मिलता बल्कि इनको तोड़ने वाले को सजा भी दी जाती है। भारत में 28 सिंतबर 1993 से ये कानून अमल में लाया गया। वहीं, भारत सरकार ने  12 अक्टूबर 1993 को इन अधिकारों के संरक्षण के लिए ह्यूमन राइट्स कमीशन का गठन किया। 

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