आपको भी शायद याद हो, बचपन में हममें से कई उड़ते हुए प्लेन की आवाज सुनकर छत पर भाग कर आ जाते थे और प्लेन ढूंढने की कोशिश करने लगते थे। अगर प्लेन मिल जाता तो हम ऐसे खुश होते जैसे हमें कोई बड़ी ट्राफी मिल गई हो। हमारे देश में काफी कम ही लोग हवाई जहाज से सफर कर पाते हैं इसका कारण है कि हमारे देश में कुछ ही जगहों पर एयरपोर्ट हैं। साथ ही इसका किराया ट्रेन या अन्य साधन के मुकाबले महंगा है। जो आम आदमी खर्च करने से बचता है। ऐसे में लोगों के मन में हवाई जहाज को लेकर कई आशंकाएं होती है- जैसै पायलट को आसमान में रास्ता कैसे मिल जाता है, कैसे पता चलता है कि कहां उतरना है, या फिर हवाई जहाज में कौन-सा तेल डाला जाता है?
कैसे होती है पायलट की जानकारी?
ऐसे में कई लोग है जिनके और भी सवाल होते हैं जैसे पायलट बादलों में प्लेन कैसे उड़ाते हैं, कैसे उन्हें सामने आ रहे दूसरे प्लेन का पता चल जाता है? हवाई जहाज को सभी ने देखा ही होगा। वो आसमान में उड़ता है ये भी जानते होंगे। हवाई जहाज या एयरोप्लेन या फिर कहें प्लेन इसे लोग इन नामों से जानते हैं। कई लोगों ने इसमें सफर भी किया होगा, जो सफर किए है शायद उन्हें भी इन सवालों के जवाब पता हो। लेकिन बहुतों को इन प्रश्नों के उत्तर नहीं पता होंगे, इसलिए आज हम यहां इन सारे सवालों के जवाब देने की कोशिश करने जा रहे हैं।
आइए जानते हैं जवाब
दरअसल, जब पायलट प्लेन उड़ा रहा होता है तो उसे रेडियो और रेडार के उपयोग से रास्ता बताया जाता है। वो हर वक्त ATC यानी एयर ट्रैफिक कंट्रोल के संपर्क में रहता है। ATC पायलट को हर जरूरी निर्देश देता है कि उसे किस दिशा में जाना है और कहां नहीं जाना है। इतना ही नहीं पायलट को सही रास्ता दिखाने के लिए HSI (होरिजेंटल सिचुएशन इंडिकेटर) का इस्तेमाल करते हैं। बता दें कि इसके जरिए पायलट को आसानी से पता चल जाता है कि कहां जाना है। साथ ही यह हर जगह की अक्षांश और देशांतर को बेहतर तरीके से मापने का काम करता है। ATC के जरिए आसपास के प्लेन की जानकारी भी पायलट को मिलती रहती है।
कितनी ऊंचाई पर उड़ता है जहाज?
जहाज आम तौर पर 35 हजार फीट यानी 10.668 किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ता है। हालांकि यात्रा और स्थान के लिहाज से ऊंचाई घटती-बढ़ती रहती है। बता दें कि कॉमर्शियल प्लेन सामान्यत: 33,000 से 42,000 फीट तक की ऊंचाई पर उड़ती है। अगर बात करें प्लेन में फ्यूल की तो जहाज में केरोसीन (जेट ए-1) और केरोसीन (जेट-बी) के मिक्स फ्यूल डालते हैं। यह डीजल की तरह ही होता है, जिसका उपयोग टरबाइन इंजन में भी किया जाता है।
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