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Hindi Diwas 2023: संविधान में हिंदी का कहां है स्थान? राष्ट्रभाषा व राजभाषा में फर्क जानना जरूरी

आज देश हिंदी दिवस मना रहा है। हिंदी हमारे देश में सबसे ज्यादा बोली व लिखित रूप में इस्तेमाल होने भाषा है। आइए जानते हैं कि संविधान में हिंदी का स्थान कहां है?

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Sep 14, 2023 12:12 IST, Updated : Sep 14, 2023 12:28 IST
Hindi Diwas 2023
Image Source : FREEPIK Hindi Diwas 2023

हर साल देश 14 सिंतबर यानी आज हिंदी दिवस मनाता है। हिंदी को हमारे देश के संविधान में आधिकारिक भाषा का दर्जा मिला हुआ है। हिंदी के बारे में पहले थोड़ा जान लेते हैं कि इसकी उत्पत्ति कब हुई। बता दें कि हिंदी भाषा एक इंडो-आर्यन भाषा है। इसे पूरी दुनिया में करीब 260 मिलियन लोग बोलते हैं। ये विश्व की चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। इसका इस्तेमाल भारत व एनआरआई की तरफ से ज्यादा किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि हिंदी की उत्पत्ति करीब 1200 ईसा पूर्व, संस्कृत के विकास के साथ हुई। समय जैसे-जैसे बदलता गया हिंदी भाषा भी समृद्ध होती रही। हिंदी पहले बोलचाल में ही इस्तेमाल होती थी, फिर जब देवनागरी लिपि की उत्पत्ति हुई तो ये लिखित भाषा के रूप में सामने आ गई।

संविधान में हिंदी भाषा का स्थान

अब बात करते हैं कि हमारे देश के संविधान में हिंदी भाषा का स्थान कहां है। बात है 12 से 14 सितम्बर 1949 को हुए संविधान निर्माण की प्रक्रिया के दौरान संविधान सभा में ‘भाषा’ के विषय पर  चर्चा की। इस चर्चा के दौरान, सभा में दो पक्ष थे- पहला जो संस्कृत को राज-भाषा और राष्ट्र भाषा के रूप में स्वीकार करता था, और दूसरा पक्ष, जो खिलाफ तो नहीं था, पर उन सभी के मन में कुछ प्रश्न थे। इस दौरान ज्यादातर सदस्य हिंदी की तरफ ज्यादा था। काफी लंबे चर्चा के बाद आखिरकार हिंदी को राष्ट्रभाषा तो नहीं, पर राजभाषा का दर्जा दे दिया गया।

इन राज्यों ने भी माना राजभाषा

बता दें कि सविंधान सभा ने हिंदी को आर्टिकल 343(1) में रखा। आर्टिकल 343(1) में कहा गया है कि भारत संघ की राजभाषा हिन्दी होगी और उसकी लिपि देवनागरी होगी, आर्टिकल 351 में कहा गया कि भारत सरकार मुख्यतः संस्कृत से और गौणत: अन्य भारतीय भाषाओं से शब्द- सम्पदा ग्रहण करते हुए हिन्दी का विकास इस रूप में करेगी। इसे संविधान की 8वीं अनूसूची में रखा गया है। बता दें कि हिंदी को कुछ राज्यों ने भी राजभाषा माना है। ये राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश, उत्तरांचल, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली हैं।

राजभाषा व राष्ट्रभाषा में अंतर

राजभाषा उसे कहते हैं जिसका उपयोग सरकार के सरकारी कामकाज में लिया जाता है और देश की ज्यादातर जनता जिस भाषा को बोलती है इसे राष्ट्रभाषा कहते हैं। 

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