Difference Between Highway or Expressway: आज की इस आधुनिक दुनिया में आवागमन भी बेहद आसान हो गया है। आवागमन के आसान होने में सड़कों का अहम रोल है। अब किसी को भी कहीं भी जानें के लिए उतना समय नहीं लगता जितना पहले के जमाने में लगता था। सड़क शब्द के मन में आते ही दो शब्द जहन में और आते हैं- हाईवे और एक्सप्रेस -वे। हाईवे और एक्सप्रेस-वे के होने से ही मीलों की दूरी को बेहद कम समय में तय कर लिया जाता है। आप सभी ने हाईवे और एक्सप्रेस-वे के बारें में तो सुना ही होगा और ज्यादातर लोगों ने इसपर सफर भी किया होगा। लेकिन ज्यदातर लोगों को हाईवे और एक्सप्रेस-वे के बीच के अंतर के बारे में नहीं मालूम होगा? हाईवे और एक्सप्रेस-वे में क्या है अंतर? अगर आप नहीं जानते हैं तो कोई बात नहीं, आज हम इस खबर के जरिए इन दोनों के बीच के अंतर को बताएंगे।
क्या है अंतर
हाईवे और एक्प्रेस-वे दो ऐसे नाम जिन्होंने मीलों की दूरी को घंटों में बदल दिया। हाईवे और एक्सप्रेस-वे दोनों होती तो सड़कें हैं, लेकिन एक दूसरे से बिलकुल भिन्न होते हैं। देश में बहुत से एक्सप्रेस-वे पर काम चल रहा है। एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियां हाईवे की कंपेरिजन में बहुत तेजी से चलती हैं। एक्प्रेस-वे अधिक ऊंचाई पर बनाए जाते हैं। हाईवे 2 से 4 लेन की चौड़ी सड़क होती है, जबकि एक्सप्रेस-वे में 6 से 8 लेन होती हैं। एक्सप्रेस को तेज गति से चलने वाली गाड़ियों के लिए बनाया जाता है। एक्सप्रेसवे के लिए अलग-अलग एंट्रेंस और एग्जिट रैम्प बनाए जाते हैं।
टोल-टैक्स और स्पीड लिमिट
ऐक्रप्रे-वे पर एक्सप्रेस वाली सुविधा के लिए लोगों को हाईवे के कंपेरिजन में टोल टैक्स भी ज्यादा देना होता है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में अभी एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई लगभग 4000 किमी है। एक्प्रसे वे को 120 किमी/घंटा की अधिकतम गति के लिए डिज़ाइन किया गया है, जबकि हाईवे पर अधिकतम स्पीड 80 से 100 किमी/घंटे की होती है। वहीं, नेशनल हाईवे NH44 को देश का सबसे लंबा हाईवे कहा जाता है, जिसकी कुल लंबाई 3745 किलोमीटर है। ये हाईवे श्रीनगर से होकर कन्याकुमारी तक जाता है।