इस सामल मार्च से शुरू हुए कोरोना संकट का सबसे बुरा प्रभाव स्कूली शिक्षा पर पड़ा है। पहले जहां सीबीएसई सहित कई बोर्ड की परीक्षाएं रद्द करनी पड़ीं वहीं अब अगले साल समय पर कोर्स पूरा कर पाने में मुश्किल आ रही है। महामारी के चलते स्कूल और कॉलेज बंद हैं। इसकी भरपाई ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से की जा रही है। फिरभी स्कूल-कॉलेजों के साथ ही छात्रों के सामने भी कई चुनौतियां हैं। खासतौर से स्कूलों के पाठ्यक्रम को समय पर पूरा कर पाना मुश्किल होगा।
इस बीच गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने कक्षा 9 से कक्षा 12 के लिए पाठ्यक्रम छोटा करने का फैसला किया है। सरकार ने 9वीं से 12वीं तक का सिलेबस 30% तक कम कर दिया है। इससे पहले केंद्र ने पहले ही इस साल सीबीएसई के कक्षा 9 से 12 के लिए पाठ्यक्रम में 30% तक की कटौती करने की घोषणा की है। केंद्र ने कहा था कि इसका उद्देश्य कोरोना के कारण छात्रों पर परीक्षा के तनाव को कम करना था। बोर्ड ने एक समय के लिए करीब 190 विषयों में कटौती की थी।
शिक्षा मंत्रालय ने 15 अक्टूबर से देश में कंटेनमेंट जोन के बाहर स्थित स्कूल-कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान खोलने की छूट दी है। हालांकि, शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोलने का निर्णय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर छोड़ा गया है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक स्कूल-कॉलेजों के खुलने के बाद भी छात्रों पर अटेंडेंस का दबाव नहीं बनाया जा सकेगा। ऐसे में बीच का रास्ता निकालते हुए केंद्र सरकार ने सीबीएसई के सिलेबस को 30 प्रतिशत तक घटाने का निर्णय लिया है। बता दें कि सिलेबस में ये बदलाव सिर्फ नौवीं से 12वीं तक की कक्षाओं के लिए किया गया है।